गुजरात कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष-विधायक अर्जुन मोढवाडिया की कांग्रेस को राम-राम

पार्टी छोड़ने के बाद बोले अर्जुन मोढवाडिया- राम भारत की आस्था

गुजरात कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष-विधायक अर्जुन मोढवाडिया की कांग्रेस को राम-राम

अहमदाबाद, 4 मार्च (हि.स.)। कांग्रस को अयोध्या में श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव से खुद को अलग करने की रणनीति अब उन्हें भारी पड़ने लगी है। भगवान श्रीराम को लेकर कांग्रेस के एक के बाद एक करके कई नेता पार्टी छोड़ रहे हैं। सोमवार को कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पोरबंदर से विधायक अर्जुन मोढवाडिया ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता समेत सभी पदों को भी छोड़ने की घोषणा कर दी।

कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पोरबंदर से विधायक अर्जुन मोढवाडिया ने सोमवार की शाम विधानसभा अध्यक्ष शंकर चौधरी को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा सौंप दिया। मोढवाडिया वर्ष 1982 से कांग्रेस से जुड़े हैं और विभिन्न पदों पर रहते हुए प्रदेश अध्यक्ष समेत विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भी जिम्मेदारी निभा चुके हैं। मोढवाडिया के इस्तीफा देने से कांग्रेस विधायकों की संख्या अब 17 से घटकर 14 हो गई है। इससे पहले 2 विधायकों सी जे चावडा और चिराग पटेल ने भी इस्तीफा दे चुके हैं।

भारी मन से इस्तीफा दिया

इस्तीफा देने के बाद अर्जुन मोढवाडिया ने मीडिया से कहा कि आज उन्होंने कांग्रेस के सभी पदों समेत प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। वे 1982 में कांग्रेस से जुड़े थे। तहसील कांग्रेस से कार्य शुरू किया था। कठिन परिस्थितियों में कांग्रेस का साथ दिया। आजादी 1947 में मिली, तब महात्मा गांधी ने कहा था कि आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन लाने का ध्येय होना चाहिए। इस उद्देश्य के साथ कांग्रेस में जुड़े थे। भारी मन से आज वे इस्तीफा दे रहे हैं। कांग्रेस जिस तरह से चलती है, इसमें उन्हें लगता है कि वे सफल नहीं हो सकते हैं, इस वजह से इस्तीफा दिया हूं।

मोढ़वाडिया ने कहा कि जनता के साथ जो पार्टी कनेक्शन खो देती है, वह लंबे समय तक नहीं टिक सकती है और एनजीओ बन जाती है। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का आमंत्रण ठुकराया गया। इस समय भी उन्होंने आवाज उठाई थी। इस समय जिसने भी निर्णय किया होगा, उससे प्रतीत होता है कि जनता के साथ संवाद में कहीं कमी रह गई। मेरा आवाज नहीं पहुचा, इसलिए उन्होंने इस्तीफा दिया। आज कांग्रेस के साथ बंधन से वे मुक्त हो गए हैं, उन्हें मुक्ति का अनुभव हो रहा है। अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत लोगों के साथ चर्चा कर सार्वजनिक करेंगे।