सूरत : पूरानी पेंशन योजना लागू करने तथा लंबित मांगों को लेकर शिक्षक महासंघ का निर्णय
9 मार्च को गांधीनगर में एक लाख से ज्यादा शिक्षक-कर्मचारी भगवा वस्त्र और जय श्री राम पटका पहनकर पहुंचेंगे
सूरत समेत पूरे प्रदेश में शिक्षकों की पुरानी पेंशन योजना लागू करने और अन्य लंबित मुद्दों को लेकर अगस्त 2022 में आंदोलन किया गया था। सरकार के साथ हुए समझौते के तहत आंदोलनात्मक कार्यक्रमों और अन्य लंबित मुद्दों को लेकर रणनीति तैयार करने के लिए गांधीनगर में बैठक हुई। आज राष्ट्रीय शिक्षक संघ सूरत महानगर की कार्यकारिणी बैठक यूआरसी भवन उधना के प्रांगण में आयोजित की गई। जिसमें आंदोलनात्मक कार्यक्रमों की रणनीति पर चर्चा की गई।
अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के पदाधिकारियों की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रांतीय स्तर पर घोषित पुरानी पेंशन को लागू करने और लंबित मुद्दों के समाधान के लिए दिए गए पेन डाउन, चोक डाउन और मतदान पर विस्तार से चर्चा की गई। इसके अलावा सूरत शहर के 44 केंद्रों पर मतदान करने और मतदान कर्मचारियों के चयन को लेकर पदाधिकारियों से चर्चा कर सर्वसम्मति से जोनल अधिकारी और उप जोनल अधिकारी की नियुक्ति की गई। मतदान कर्मचारियों और मतगणना कर्मचारियों के चयन की जिम्मेदारी सभी जोन अध्यक्षों और महामंत्रियों की होगी।
इस दौरान यदि 7 या 8 मार्च तक सरकार द्वारा सभी लंबित मांगें नहीं मानी गईं तो 9 मार्च को गांधीनगर में होने वाली महापंचायत में जाने की योजना पर चर्चा की गई। अगली महापंचायत 9 मार्च को गांधीनगर में होगी। बताया गया कि भगवा ध्वज के साथ गुजरात के विभिन्न संगठनों से जुड़े एक लाख से अधिक शिक्षण कर्मचारी भगवा वस्त्र, खेस, जय श्री राम ध्वज, साफा पहनकर गांधीनगर पहुंचेंगे। इसके अलावा, गुजरात राज्य के 8,50,000 शिक्षण कर्मचारियों के हित में, 6 मार्च, 2024 को आम मतदान करने, ऑनलाइन संचालन से दूर रहने, पेन डाउन, चोक डाउन करने का भी निर्णय लिया गया है।
ये निर्णय राष्ट्रीय शिक्षा संघ की कार्यकारिणी बैठक में लिए गए
- 6 मार्च पैन डाउन, चोक डाउन और वोटिंग कार्यक्रम
- शिक्षा समिति के 44 केंद्रों पर मतदान होगा
- सभी संकाय और कर्मचारी लंबित मुद्दों के समाधान के लिए मतदान करेंगे
- जोनल अधिकारी एवं उप जोनल अधिकारी का चयन किया गया
- 9 मार्च को गांधीनगर में महा पंचायत का आयोजन किया