अहमदाबाद : मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल का राज्य में प्रति तहसील एक गाँव स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
स्मार्ट विलेज को मिलेगी 5 लाख रुपए की पुरस्कार राशि, ग्राम पंचायत के विकास कार्यों के लिए स्वकोष में इस राशि को उपयोग में लिया जाएगा
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राज्य में प्रति तहसील एक गाँव को स्मार्ट विलेज बनाने के विकासोन्मुखी दृष्टिकोण के साथ 5 जिलों के 16 गाँवों को स्मार्ट विलेज घोषित किया है। ये गाँव राज्य सरकार की स्मार्ट विलेज प्रोत्साहक (इंसेंटिव) योजना के अंतर्गत चयनित गाँव हैं। इन 16 स्मार्ट विलेज में सौराष्ट्र में राजकोट जिले के 6 गाँव रायडी, थाणागालोळ, वीरनगर, आणंदपरा (नवा), सतापरा, लोधिका; जूनागढ जिले के 5 गाँव चोरवाडी, समढियाळा, धंधुसर, मटियाणा, बालागाम; जामनगर जिले के 3 गाँव पीपर, वाकिया, सीदसर; बोटाद जिले काएक गाँव अडताळा और दक्षिण गुजरात में नवसारी जिले का एक गाँव महुवर शामिल हैं।
स्मार्ट विलेज प्रोत्साहक योजना में चयनित हुए इन गाँवों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रति पंचायत 5 लाख रुपए की पुरस्कार राशि दी जाएगी। इतना ही नहीं; यह पुरस्कार राशि गाँवों के विकास कार्यों के लिए स्वकोष का हिस्सा बनेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के गाँवों को शहरों के समकक्ष स्मार्ट, सस्टेनेबल तथा सुविधायुक्त बनाने के संकल्प के साथ ‘रुर्बन-आत्मा गाँव की, सुविधा शहर की’ का विचार दिया है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने प्रधानमंत्री की इस विचारधारा को आगे बढ़ाते हुए स्मार्ट विलेज प्रोत्साहक योजना का व्यापक रूप से विस्तार किया है। मुख्यमंत्री के दिशादर्शन में तैयार हुई स्मार्ट विलेज योजना में ऐसे स्मार्ट विलेज के चयन के लिए जो मानदंड निर्धारित किए गए हैं; उनमें गाँव में अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी के विनियोग, ग्रामीण जीवन शैली को बनाए रखते हुए ग्रामीण जनों की जीवन गुणवत्ता (क्वॉलिटी ऑफ लाइफ) में सुधार करने, गाँव के आर्थिक, सामाजिक एवं पर्यावरणीय मूल्यों के संवर्धन के साथ ढाँचागत सुविधा उपलब्ध कराने का उद्देश्य रखा गया है। यह उद्देश्य भी रखा गया है कि स्मार्ट विलेज अन्य गाँवों के लिए ‘गुड गवर्नेंस’ के मॉडल गाँव के रूप में विकसित हों तथा एक्शन लैबोरेटरी के रूप में कार्य करें। ऐसे स्मार्ट विलेज के चयन के मानदंडों के रूप में इन बातों को ध्यान में लिया जाता है कि गाँव सड़क से जुड़ा होना चाहिए, गाँव सड़क से अत्यंत निकट होना चाहिए, जहाँ तक संभव हो; गाँव स्टेट हाईवे पर होना चाहिए, गाँव में प्राथमिक सुविधा के रूप में पक्की सड़क, गटर व्यवस्था, स्ट्रीट लाइट एवं संपूर्ण स्वच्छता होती होनी चाहिए और गाँव की जनसंख्या 2000 से 6000 तक होनी चाहिए।
इन मानदंडों से युक्त गाँवों ने जिन 11 मानदंडों को परिपूर्ण किया है; उनमें (1) सरस ग्राम वाटिका, गार्डन, (2) अनिवार्य डोर टु डोर वेस्ट कलेक्शन, (3) हर घर में पीने के पानी का नल कनेक्श, (4) पंचायत कर वसूली, (5) सड़क-मार्ग पर कूड़ा-कचरा न होना और सड़कों-मार्ग की नियमित सफाई होना, (6) स्मार्ट ई-ग्राम सेंटर की सुविधा, (7) ग्राम पंचायत कार्यालय पर सोलर रूफटॉप, (8) ओपन डेफिकेशन फ्री विलेज, (9) ग्राम पंचायत द्वारा लाइट बिल भरने की नियमितता, (1) गाँव में गटर निर्माण, (11) ग्रामतल (गाँव की आवासी भूमि) के पक्के मार्ग आदि को शामिल किया गया है।
इन 11 मानदंडों को परिपूर्ण करने वाली ग्राम पंचायतों द्वारा प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए निर्धारित किए गए फॉर्म को भरा गया था, जिसमें बेस इयर के रूप में वर्ष 2022-23 को लिया गया था। ऐसे गाँवों का चयन करने से पहले ग्राम पंचायत द्वारा भरे गए फॉर्म के अंतर्गत तहसील स्तरीय समिति ने गाँव का प्रत्यक्ष दौरा कर प्राथमिक निरीक्षण किया और तद्अनुसार गुण देकर अपने अभिप्राय से युक्त सूची बना कर जिला स्तरीय समिति में प्रस्ताव भेजा था।
इन फॉर्म के आधार पर मैरिट के बेस पर स्मार्ट विलेज का चयन जिला स्तरीय समिति द्वारा किया जाता है। 90 प्रतिशत गुण प्राप्त करने वाली ग्राम पंचायतों के लिए थर्ड पार्टी वेरिफिकेशन कराए जाने के बाद ही पुरस्कार, प्रोत्साहक राशि घोषित की जाती है। इस समग्र क्रियान्वयन प्रक्रिया के पूर्ण होने के बाद न्यूनतम् 90 प्रतिशत मार्क्स प्राप्त करने वाली ग्राम पंचायतों में से अधिकतम् प्राप्त मार्क्स के आधार पर प्रति तहसील एक ग्राम पंचायत तो स्मार्ट विलेज के रूप में घोषित किया गया है।