अहमदाबाद में कचरा संग्रहण पर 315 करोड़ रुपये खर्च होंगे!
शहर के सात जोन से सालाना औसतन 89,707 मीट्रिक टन निकलता है कचरा
अहमदाबाद नगर निगम में नए क्षेत्र जुड़ने के बाद कचरा संग्रहण की वार्षिक लागत बढ़कर 315 करोड़ रुपये हो गई है। वर्ष-2021 में बोपल, घुमा, कठवाड़ा और छोटी चिलोडा सहित क्षेत्रों को नगर निगम सीमा में शामिल किया गया है। शहर में से कचरा उठाने के लिए 2023 में 240 करोड़ रुपये खर्च हुआ था। इस खर्च में 75 करोड़ रुपये वृद्धि होने पर वर्ष 2024 में कचरा संग्रहण की खर्च बढ़कर 315 करोड़ रुपये हो जाएगी। दस साल पहले शहर में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए नगर निगम सरकार 100 रुपये खर्च कर रही थी।
अहमदाबाद नगर निगम की ओर से कचरा उठाने के लिए डोर टू डोर एवं स्पोट टू डम्प प्रोजेक्ट सहित अन्य प्रोजेक्ट से कचरा का निराकारण किया जा रहा है। ठोस अपशिष्ट विभाग द्वारा शहर के विभिन्न वार्ड क्षेत्रों में नागरिकों को गीला और सूखा कचरा अलग-अलग करने के प्रति जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। निगम के सोलिड वेस्ट विभाग द्वारा वर्ष 2023 के जनवरी से दिसंबर की अवधि के दौरान डोर टू डोर के अतंर्गत कचरा की जानकारी एकत्रित करने पर चला कि शहर के सातों वार्डों से औसतन 89,707 मीट्रिक टन कचरा निकल रहा है। प्रतिदिन औसतन 2998 मीट्रिक
टन कचरा उत्पन्न हो रहा है।
वर्ष-2023 के दौरान डोर टू डोर योजना के तहत शहर से कूड़ा हटाने के लिए 240 करोड़ रुपये खर्च किये गये थे। साल 2024 में यह लागत 75 करोड़ रुपये बढ़ जाएगी और कचरा हटाने पर साल भर में कुल 315 करोड़ रुपये खर्च होंगे। जैसे-जैसे शहर का क्षेत्रफल बढ़ता जा रहा है, शहर में नई सोसायटी और इमारतें बढ़ती जा रही हैं। इसलिए अधिक कचरा उत्पन्न हो रहा है। इसके अलावा शहरी लोगों की बदली हुई जीवनशैली के साथ-साथ फुड पैकेट खाने और ऑनलाइन शॉपिंग की आदत भी कचरे की मात्रा बढ़ा रही है।