भारत की 20 करोड़ रुपये अनुदान राशि को लेकर दुष्प्रचार होने पर प्रधानमंत्री प्रचंड ने जताई आपत्ति

भारत से विकास कार्यों के लिए दिए जा रहे अनुदान पर सवाल खड़ा करना सर्वथा अनुचित है

भारत की 20 करोड़ रुपये अनुदान राशि को लेकर दुष्प्रचार होने पर प्रधानमंत्री प्रचंड ने जताई आपत्ति

काठमांडू, 19 फरवरी (हि.स.)। प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल ‘प्रचंड’ ने भारत सरकार की ओर से दिए जाने वाले 20 करोड़ रुपये के अनुदान को लेकर विपक्षी दल की आलोचना पर आपत्ति जताई है। उन्होंने इसे दुखद बताते हुए कहा कि विकास कार्यों के लिए दिए जा रहे अनुदान पर सवाल खड़ा करना सर्वथा अनुचित है।

प्रतिनिधि सभा में सांसदों के प्रश्नों का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ‘प्रचंड’ ने कहा कि हाल ही में भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने नेपाल भ्रमण के समय भारत सरकार की ओर से नियमित दिए जाने वाले अनुदान को 5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये किए जाने पर खुशी व्यक्त करने के बजाए विपक्षी पार्टी के नेता इसका विरोध कर रहे हैं। उन्होंने इसे दुखद बताते हुए भारत से विकास कार्यों के लिए दिए जा रहे अनुदान पर सवाल खड़ा करना सर्वथा अनुचित है।

प्रधानमंत्री ने संसद में कहा कि पहले भी भारत सरकार से छोटी विकास परियोजना के तहत 5 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाता रहा है। पिछले एक दशक से मिल रही इस अनुदान की राशि को बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये कर दिया गया है तो इसका विरोध करने का कोई औचित्य नहीं है। प्रचंड ने यह भी कहा कि भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करते हुए विपक्षी दल ने कहा कि यह रकम सीधे खर्च की जाएगी जबकि यह सरासर गलत है।

सांसदों के सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री प्रचंड ने कहा कि भारत की अनुदान राशि को उसी परियोजना में खर्च किया जाएगा, जिसकी स्वीकृति संघीय सरकार की तरफ से की जाएगी। उन्होंने कहा कि स्थानीय सरकार की सिफारिश पर संघीय सरकार उस पर मुहर लगाएगी। इसलिए यह कहना कि इस रकम का उपयोग भारतीय दूतावास से सीधा किया जाएगा, सर्वथा गलत है।

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