दिगंबर मुनि परंपरा के आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने शरीर त्यागा

दिगंबर मुनि परंपरा के आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने शरीर त्यागा

रायपुर, 18 फरवरी (हि.स.)। छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ स्थित चन्द्रगिरि तीर्थ में शनिवार (17 फरवरी) देर रात दिगंबर मुनि परंपरा के आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने अपना शरीर त्याग दिया। उनका अंतिम संस्कार रविवार दोपहर 1 बजे किया जाएगा।

पूर्ण जागृतावस्था में आचार्य पद का त्याग करते हुए जैन मुनि आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ने रात संल्लेखना पूर्वक समाधि ले ली। बताया गया कि वे लगभग 6 माह से डोंगरगढ़ के चंद्रगिरी में रुके हुए थे। आचार्य विद्यासागर महाराज पिछले कुछ दिन से अस्वस्थ थे। पिछले तीन दिन से आचार्यश्री ने अन्न-जल पूरी तरह त्याग दिया था। जिसके बाद बीती रात 2:35 बजे उन्होंने अंतिम सांसें लीं। आचार्यश्री अंतिम सांस तक चैतन्य अवस्था में रहे और मंत्रोच्चार करते हुए उन्होंने देह का त्याग किया।

देशभर में शोक

समाधि के समय उनके पास पूज्य मुनिश्री योगसागर जी महाराज, श्री समतासागर जी महाराज, श्री प्रसादसागर जी महाराज संघ सहित उपस्थित थे। देशभर के जैन समाज और आचार्यश्री के भक्तों ने उनके सम्मान में आज एक दिन अपने प्रतिष्ठान बंद रखने का फैसला किया है।

प्रधानमंत्री ने जैन संत आचार्य विद्यासागर महाराज के ब्रह्मलीन होने पर गहरा दुख व्यक्त किया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जैन संत आचार्य विद्यासागर महाराज के ब्रह्मलीन होने पर गहरा दुख व्यक्त किया है। मोदी ने कहा कि आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज का जाना देश के लिए अपूरणीय क्षति है। लोगों में आध्यात्मिक जागृति के लिए आचार्य जी के बहुमूल्य प्रयासों को हमेशा याद किया जाएगा।

मोदी ने आगे कहा, जीवन भर वह गरीबी उन्मूलन के साथ-साथ समाज में स्वास्थ्य और शिक्षा को बढ़ावा देने में लगे रहे। प्रधानमंत्री ने पिछले साल छत्तीसगढ़ के चंद्रगिरि जैन मंदिर में आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के साथ अपनी मुलाकात को भी याद किया और कहा कि यह मुलाकात उनके लिए अविस्मरणीय रही।

एक एक्स पोस्ट में प्रधानमंत्री ने कहा, “आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जी का ब्रह्मलीन होना देश के लिए अपूरणीय क्षति है। लोगों में आध्यात्मिक जागृति के लिए उनके बहुमूल्य प्रयास सदैव स्मरण किए जाएंगे। वे जीवनपर्यंत गरीबी उन्मूलन के साथ-साथ समाज में स्वास्थ्य और शिक्षा को बढ़ावा देने में जुटे रहे। यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे निरंतर उनका आशीर्वाद मिलता रहा। पिछले वर्ष छत्तीसगढ़ के चंद्रगिरी जैन मंदिर में उनसे हुई भेंट मेरे लिए अविस्मरणीय रहेगी। तब आचार्य जी से मुझे भरपूर स्नेह और आशीष प्राप्त हुआ था। समाज के लिए उनका अप्रतिम योगदान देश की हर पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा।”

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी डोंगरगढ़ पहुंचकर जैन मुनि विद्यासागर महाराज के दर्शन किए थे।