दो दशक में गुजरात में बिजली की मांग तीन गुणा बढ़ी: ऊर्जा मंत्री
वर्ष 2023 में मांग सर्वाधिक 24,544 मेगावाट रही
गांधीनगर, 9 फरवरी (हि.स.)। ऊर्जा मंत्री कनूभाई देसाई ने कहा कि वर्ष 2002 से 2023 तक गुजरात में बिजली की मांग तीन गुणा बढ़ी है। वर्ष 2002 में राज्य में अधिकतम बिजली की मांग 7743 मेगावाट थी, जो वर्ष 2023 में बढ़ कर 24544 मेगावाट हो गई। राज्य में उद्योगों के तेज विकास, खेती बिजली कनेक्शन, शहरीकरण में बढ़ोतरी और ज्योतिग्राम योजना के लागू होने आदि कारणों से बिजली की मांग बढ़ी है।
मंत्री कनूभाई देसाई ने शुक्रवार को विधानसभा में बताया कि राज्य में प्रति व्यक्ति बिजली इस्तेमाल में भी कई गुणा वृद्ध हुई है। राज्य सरकार इस बढ़ी मांग को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसकी वजह से राज्य सरकार बिजली की खरीद करती है। गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड की ओर से कोस्टल गुजरात पावर लिमिटेड (टाटा पावर) के साथ 25 वर्ष के लिए 2.26 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदने के लिए वर्ष 2007 में करार किया गया था।
मंत्री ने बताया कि इंडोनेशियाई कोयला इंडेक्श (एचबीए) जो आमतौर पर औसत 90 यूएस डालर प्रति मैट्रिक टन था, सितम्बर, 2021 में इसमें असाधारण रूप से बढ़ोतरी हुई। इसके बाद अगस्त 2022 में यह अधिकतम भाव 331 यूएस डाल प्रति मैट्रिक टन हो गया। इसके साथ ही प्रति डालर रुपये का भाव भी बढ़ गया। इस समयावधि के दौरान आयातित कोयला के अधिक भाव होने से देशभर में आयातित कोयला आधारित बिजली प्रोजेक्ट में बिजली उत्पादन बंद कर दिया गया।
गुजरात के पास 2484 मेगावाट गैस आधारित बिजली उपलब्ध है। वर्ष 2017 से लेकर 2021 तक गैस आधारित बिजली प्रोजेक्ट में से बिजली की खरीद की जाती थी। लेकिर, रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के कारण गैस में शॉर्टेज आने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में गैस के भाव में असाधारण बढ़ोतरी दर्ज की गई। इसके कारण गैस आधारित बिजली उत्पादन इकाइयों में बिजली उत्पादन प्रभावित हो गया।
इस कठिन परिस्थिति को देखते हुए केन्द्र सरकार ने इलेक्ट्रिसिटी एक्ट-2003 के सेक्शन-11 के तहत इम्पोर्टेड कोयला आधारित बिजली प्रोजेक्ट को पूर्ण क्षमता के साथ चलाने का आदेश दिया। इस संबंध में केन्द्र सरकार की कमिटी ने निर्धारित एनर्जी चार्ज की दर पर कोस्टल गुजरात पावर लिमिटेड को राशि चुकाया। इस स्थिति से कोस्टल गुजरात पावर लिमिटेड के पास से राज्य सरकार ने मेरिट आर्डर के सिद्धांत पर बिजली दर की प्राथमिकता के क्रम में जरूरत के अनुसार बिजली प्राप्त की।
मंत्री ने बताया कि वर्ष 2017 में निजी आयातित कोयला आधारित प्रोजेक्ट में से कुल बिजली खरीद का लगभग 32 फीसदी बिजली खरीदी गई थी। वहीं वर्ष 2023 में निजी आयातित कोयला आधारित प्रोजेक्ट में से कुल बिजली खरीद का लगभग 16 फीसदी बिजली खरीदी गई थी। वर्ष 2017 से 2023 तक सोलर जेनरेशन में 4 गुणा बढ़ोतरी हुई है।