सूरत : देश का पहला 'साइकिल टू स्कूल' प्रोजेक्ट नगर निगम की लापरवाही के कारण खटाई में
साइकिल से स्कूल जाने के लिए बने ट्रैक के किनारे अवैध रूप से अतिक्रमण कर अस्थाई दुकानें बना ली गई
सिटी लाइट स्कूल के 'साइकिल टू स्कूल' प्रोजेक्ट के लिए ट्राफिक कोन टूट गए
देश का पहला साइकिल टू स्कूल प्रोजेक्ट सूरत शहर में शुरू हो गया है और कयास लगाए जाने लगे हैं कि नगर निगम की लापरवाही से खटाई में पड सकता है। सूरत नगर निगम ने सिटी लाइट के एक स्कूल में साइकिल से स्कूल तक प्रोजेक्ट शुरू किया है, अभी एक महीना भी नहीं हुआ है लेकिन इस साइकिल ट्रैक के लिए लगाए गए ट्रैफिक कोन टूट गए हैं । ट्रैक पर वाहन पार्क किए जाते हैं और कुछ फुटपाथ पर दुकाने खोल दिए गए हैं।
देश भर के 100 स्मार्ट शहरों में से केवल सूरत शहर को साइकिल टू स्कूल परियोजना के लिए चुना गया है और सूरत नगर निगम ने इस परियोजना के लिए छह स्कूलों का चयन किया है और संचालन शुरू कर दिया है। सूरत नगर निगम और सूरत स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट लिमिटेड द्वारा 'साइकिल टू स्कूल' के पायलट प्रोजेक्ट के लिए सिटी लाइट क्षेत्र में स्कूल नंबर 160 को चुना गया है और यह प्रोजेक्ट 8 जनवरी को शुरू किया गया है।
हालाँकि, इस साइकिल टू स्कूल प्रोजेक्ट को शुरू हुए बमुश्किल एक महीना ही हुआ है, लेकिन साइकिल ट्रैक के लिए जगह बनाने के लिए लगाए गए कई ट्रैफिक कोन टूट गए हैं। इन टूटे ट्रैफिक कोनों से निकली कीलें साइकिल चलाने वाले विद्यार्थियों के लिए खतरा पैदा कर रही हैं। इसके अलावा, परियोजना के लिए बनाया गया ट्रैक आकर्षक है, लेकिन कुछ लोग इस ट्रैक पर अपने दोपहिया वाहन पार्क करते हैं। इसलिए कुछ लोग ट्रैक पर गाड़ियां खड़ी कर बाधा उत्पन्न कर रहे हैं।
चूंकि नगर निगम ने साइकिलों को जीपीएस सिस्टम से जोड़ दिया है, लेकिन ट्रैक पर वाहन पार्किंग रोकने की जहमत नहीं उठाई है। इसलिए साइकिल ले जाने वाले छात्रों के साथ दुर्घटना की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। हालांकि देश की पहली परियोजना साकार हो रही है, लेकिन कुछ लोगों में ट्रैफिक सेंस की कमी है, इसके अलावा ट्रैफिक कोन टूटे हुए हैं और इस मार्ग पर दबाव के कारण प्रोजेक्ट खटाई में पडने की संभावना है।