खाद्य सुरक्षा हासिल करने में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान का अद्वितीय योगदान: राष्ट्रपति
संस्थान ने न केवल कृषि से संबंधित अनुसंधान एवं विकास कार्यों को कुशलतापूर्वक किया है बल्कि इन कार्यों को जमीन पर उतारने का भी काम किया है
नई दिल्ली, 9 फरवरी (हि.स.)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को नई दिल्ली में आईसीएआर-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के 62वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने देश को खाद्य सुरक्षा प्राप्त करने में अद्वितीय योगदान दिया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि संस्थान ने न केवल कृषि से संबंधित अनुसंधान एवं विकास कार्यों को कुशलतापूर्वक किया है बल्कि इन कार्यों को जमीन पर उतारने का भी काम किया है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि इस संस्थान ने 200 से अधिक नई प्रौद्योगिकियां विकसित की हैं। 2005 और 2020 के बीच आईएआरआई ने 100 से अधिक किस्में विकसित की हैं और इसके नाम पर 100 से अधिक पेटेंट हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत में एक बड़ी आबादी खेती से जीविकोपार्जन करती है। भारत की जीडीपी में कृषि का भी महत्वपूर्ण योगदान है। ऐसे में यह सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है कि हमारी अर्थव्यवस्था का आधार यथासंभव बढ़े और इसमें कोई बाधा न आए।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि सरकार किसानों की आय बढ़ाने, नई कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने और सुचारु सिंचाई प्रणाली प्रदान करने के लिए काम कर रही है। सरकार ने किसानों को आय सुरक्षा प्रदान करने के लिए सभी फसलों के एमएसपी में उल्लेखनीय वृद्धि की है।
राष्ट्रपति ने कहा कि किसानों और कृषि से जुड़ी समस्याओं से हम सभी परिचित हैं। हमारे कई किसान भाई-बहन आज भी गरीबी में जी रहे हैं। हमें यह सुनिश्चित करने के लिए और अधिक तत्परता से आगे बढ़ना होगा कि किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिले और वे गरीबी के जीवन से समृद्धि की ओर बढ़ें। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि वर्ष 2047 में जब भारत एक विकसित राष्ट्र के रूप में उभरेगा तो भारतीय किसान इस यात्रा के अग्रदूत होंगे।