भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पंजीकृत स्टार्ट-अप की कुल संख्या 189

उन्नत अंतरिक्ष अन्वेषण मिशनों के लिए अवधारणा अध्ययन चल रहे हैं

भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पंजीकृत स्टार्ट-अप की कुल संख्या 189

नई दिल्ली, 8 फ़रवरी (हि.स.)। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पंजीकृत स्टार्ट-अप की कुल संख्या 189 है। राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं।

उन्होंने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष नीति 2023 भारत सरकार द्वारा जारी की गई है, जहां समग्र भारतीय अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र में योगदान देने वाले सभी हितधारकों की भूमिकाएं और जिम्मेदारियां परिभाषित की गई हैं। निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित करने और उसका समर्थन करने के लिए इन-स्पेस द्वारा विभिन्न योजनाएं भी घोषित और कार्यान्वित की गईं, जिसके तहत मूल्य निर्धारण समर्थन नीति, मेंटरशिप समर्थन, एनजीई के लिए डिजाइन लैब, अंतरिक्ष क्षेत्र में कौशल विकास, इसरो सुविधा उपयोग समर्थन, के साथ बैठक एवं गोलमेज सम्मेलन करना शामिल है।

उन्होंने कहा कि उन्नत अंतरिक्ष अन्वेषण मिशनों के लिए अवधारणा अध्ययन चल रहे हैं। अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में "मेक इन इंडिया" पहल अंतरिक्ष क्षेत्र में घरेलू विनिर्माण, नवाचार और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए एक रणनीतिक दृष्टिकोण है। अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम दोनों क्षेत्रों को पूरा करती है।

भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम ने घरेलू उद्योगों के पर्याप्त योगदान के साथ पिछले 5 वर्षों में कई नई ऊंचाइयों को छुआ है। प्रमुख उपलब्धियों में एलवीएम3 और पीएसएलवी के वाणिज्यिक प्रक्षेपण, एसएसएलवी का विकास, पृथ्वी अवलोकन उपग्रह, नेविगेशन उपग्रह, चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग, सूर्य का अध्ययन करने का मिशन (आदित्य-एल1) और मानव अंतरिक्ष उड़ान के प्रदर्शन की दिशा में प्रमुख प्रगति शामिल हैं।

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