पेरू की तर्ज पर कुशीनगर में भी हवा में उपजेगा आलू
8.59 करोड़ की लागत से बन रहा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर पोटेटो
कुशीनगर,07 फरवरी (हि.स.)। लैटिन अमेरिकी देश पेरू की तर्ज पर कुशीनगर में भी किसान हवा में आलू की उपज ले सकेंगे। इसके लिए राज्य सरकार यहां के बरवा फार्म में 8.59 करोड़ की लागत से सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर पोटेटो की स्थापना कर रही है। यह तकनीक किसानों से साझा की जायेगी। नवीन तकनीकी से किसान 10 गुना अधिक फसल ले सकेंगे।
सेंटर पर वैज्ञानिक आलू की गुणवत्ता, बेहतर किस्मों और औद्योगिक उपयोग की बेहतर किस्मों और उन्नत बीज पर शोध करेंगे। आलू को बीमारियों से बचाने की योजनाएं बनाएं जाने के साथ किसानों को खेती के नए–नए तरीके सिखाए जायेंगे और कार्यशालाएं आयोजित की जायेगी।
एयरोपॉनिक्स तकनीक वह तकनीक है जिसमें पौधे से बिना मिट्टी के जरिए आलू को उगाया जाता है। इस तकनीक में बड़े-बड़े बॉक्सों में आलू के पौधों को लटका दिया जाता है और हर एक बॉक्स में पोषक तत्व और पानी डाला जाता है। इस तरह की तकनीक के उपयोग से पौधों की जड़ों में नमी बनी रहती है और थोड़े समय बाद आलू की पैदावार होती है।
इस संबंध में जिला उद्यान अधिकारी कृष्ण कुमार बताते हैं कि एयरोपॉनिक्स तकनीक से आलू के पौधों की क्षमता बढ़ जाती है। आमतौर पर जिस आलू के एक पौधे से सिर्फ पांच और 10 आलू पैदा होते थे, इस तकनीक की मदद से आलू के एक पौधे से 70 आलू का उत्पादन हो सकेगा। ऐसे में सात गुना ज्यादा आलू का उत्पादन संभव होगा।
88 एकड़ क्षेत्रफल में स्थित राजकीय आलू परिक्षेत्र (बरवा फार्म) में सेंटर का कार्य तेजी से चल रहा है। फिलहाल भवन बनकर तैयार है। उपकरण आदि की निविदा हो चुकी है। उपकरण आ जाने के बाद सेंटर में कार्य शुरू हो जायेगा।
सेंटर में टिश्यू कल्चर प्रयोगशाला,टीपीएस उत्पादन इकाई,हाइड्रोपोनिक्स एयरोपोनिक्स,ऑटोमेटेड वेदर स्टेशन,फुल्ली ऑटोमेटेड पॉलीहाउस,शेड नेट, मिस्ट चैंबर,कोल्ड चैंबर एवं छोटा कोल्ड रूम की स्थापना के लिए कमरे बनकर पूरी तरह तैयार हैं। इसका शिलान्यास 28 अप्रैल 22 को प्रदेश के उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने किया था।