सूरत : 12वीं कक्षा के ब्रेनडेड छात्र के अंगदान से 4 लोगों को मिला नया जीवन
17 वर्षीय "तथागतपार्थ शाह" स्कूल जा रहे थे जब वाई जंक्शन के पास दुर्घटना हुई
सूरत में 12वीं कक्षा के एक छात्र के साथ स्कूल जाते वक्त हादसा हो गया, जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया। मेडिकल टीम ने छात्र को ब्रेन डेड घोषित कर दिया और "जीवनदीप ऑर्गन डोनेशन फाउंडेशन" के सहयोग से छात्र का अंग दान किया गया। जिससे अंगविफलता से पिडित 4 लोगों को नया जीवन मिला।
जीवनदीप ऑर्गन डोनेशन फाउंडेशन के पीएम गोंडलिया और विपुल तलाविया के अनुसार, 17 वर्षीय तथागतपार्थ परशुराम शाह, जो रेलवे कॉलोनी में रहते हैं और डुमस रोड पर रायन इंटरनेशनल स्कूल में 12वीं कक्षा में पढ़ते हैं। 19 जनवरी को प्री-बोर्ड केमिस्ट्री परीक्षा में शामिल होने घर से स्कूल जाने निकले थे तभी सुबह 6:50 बजे वाई जंक्शन के पास एक चार पहिया वाहन चालक ने उन्हें टक्कर मार दी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए।
उन्हें तत्काल इलाज के लिए पास के सनशाइन ग्लोबल अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां से उन्हें आगे के इलाज के लिए अठवागेट के मेटास अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया। अस्पताल में चिकित्सकों की टीम ने तथागतपार्थ को ब्रेन डेड घोषित कर दिया। परिवार के सदस्यों ने जीवनदीप ऑर्गन डोनेशन फाउंडेशन से संपर्क करने के बाद परिवार को अंगदान का महत्व समझाया।
परिवार ने अपने प्यारे बेटे के अंगदान का निर्णय लेकर मानवता का बड़ा काम किया। चूंकि तथागतपार्थ के पिता अंगदान के प्रति बहुत जागरूक थे, इसलिए यह निर्णय तुरंत लिया गया।तथागतपार्थ का हृदय, लीवर और दोनों किडनी दान कर दी गईं। यूएन मेहता अस्पताल, अहमदाबाद की टीम द्वारा हृदय और लीवर तथा किडनी का दान आईकेडीआरसी अस्पताल, अहमदाबाद की टीम द्वारा ही स्वीकार किया गया।
तथागतपार्थ के पिता परशुराम शाह रेलवे विभाग के वाणिज्यिक विभाग में काम करते हैं, माँ कंचन कुमारी शाह एक गृहिणी हैं, और बहन मृणालिनी पारिजात कॉलेज में पढ़ रही हैं। शाह परिवार मूल रूप से बिहार का रहने वाला है और पिछले कई सालों से सूरत में रह रहा है। परशुराम शाह के एक मित्र बरसो पहले ब्रेनडेड घोषित होने पर उनका अंगदान किया गया था। उसी समय परशुराम शाह को अंगदान के महत्व के बारे में जानकारी मिली थी। इस लिए उन्हने अपने प्रिय पुत्र के ब्रेनडेड घोषित होने पर उन्होने तत्काल अंगदान के लिए सहमति दे दी।