सूरत : बारडोली तालुका पंचायत के कथित स्मार्ट बोर्ड घोटाले पर कांग्रेस का मोर्चा

कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने बारडोली तालुका पंचायत में भ्रष्टाचार पर आक्रोश व्यक्त किया

सूरत : बारडोली तालुका पंचायत के कथित स्मार्ट बोर्ड घोटाले पर कांग्रेस का मोर्चा

सूरत जिले की बारडोली तालुका पंचायत में हो रहे कथित भ्रष्टाचार और खासकर स्कूलों में लगे स्मार्ट बोर्ड घोटाले को लेकर प्रदेश कांग्रेस महासचिव दर्शन नायक के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ता मोर्चा लेकर बारडोली तालुका पंचायत कार्यालय पहुंचे। जहां उन्होंने बारडोली तालुका पंचायत के सहायक तालुका विकास अधिकारी को एक शिकायत पत्र सौंपा और उचित जांच के बाद जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

बारडोली तालुक पंचायत में तालुक विकास अधिकारी विभूति सेवक मौजूद नहीं हैं, सहायक तालुक विकास अधिकारी निलेश मेहता को आवेदन देते हुए कांग्रेस महासचिव दर्शन नायक ने गुस्से में कहा कि बारडोली तालुका पंचायत में अधिकारियों की मिलीभगत से कथित भ्रष्टाचार किया जा रहा है।

उन्होंने तालुका पंचायत के स्व-वित्तपोषण से तालुका के 22 स्कूलों में 66 लाख रुपये की लागत से लगाए गए स्मार्ट बोर्ड में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। स्कूल में दिए गए स्मार्ट बोर्ड की कीमत पर संदेह जताते हुए कहा गया कि स्मार्ट बोर्ड की कीमत तीन लाख रुपये कैसे हो सकती है? आमतौर पर ऐसे स्मार्टबोर्ड एक लाख रुपये तक आते हैं। याचिका में स्मार्ट बोर्ड के मामले की निष्पक्ष कमेटी से जांच कराने की मांग की गई है।

इसके अलावा कुछ सवाल भी उठाए गए हैं। जिसमें इस स्मार्ट बोर्ड को लेकर कितने रुपए का टेंडर जारी किया गया?, प्रशासनिक स्वीकृति किसके द्वारा दी गई?, किस एजेंसी के माध्यम से स्मार्ट बोर्ड खरीदे गए?, क्या स्मार्ट बोर्ड की मूल्य सूची अन्य एजेन्सी से भी मंगाई गई थी या नही जैसे सवालों पर विस्तृत जांच की मांग की गई।

बारडोली तालुका पंचायत के स्व-वित्त पोषण और जिला पंचायत के साथ-साथ सरकार से सभी योजना अनुदान के कार्य और प्रशासन की गुणवत्ता पर ध्यान देने की मांग की गई थी। इसके अलावा प्रदेश कांग्रेस महासचिव तरूण वाघेला ने भी तालुका पंचायत द्वारा किये जा रहे अग्रिम कार्यों को लेकर प्रतिवेदन दिया और ऐसे कार्यों का भुगतान रोकने को कहा। आवेदन पत्र देने के लिए महिला नेता स्वाति पटेल, सुनील पटेल, राकेश परमार, तुषार वनकर सहित नेता मौजूद थे।

याचिका में आगे कहा गया कि यह तालुका के तालुका विकास अधिकारी की जिम्मेदारी है कि वह तालुका में अनुदान आवंटित करने के बाद प्रशासनिक कार्यों पर ध्यान और सतर्कता बरतें और यदि कोई प्रशासनिक दोष पाया जाता है, तो उसकी जांच करें। लेकिन इस कथित घोटाले की जांच के संबंध में बारडोली तालुका विकास अधिकारी द्वारा लिखित शिकायत मांगी गई है। इतना ही नहीं, बारडोली तालुका में सड़कों को व्यापक क्षति और पिछले दिनों रामपुरा गांव के सरपंच की आत्महत्या की शिकायतों के बावजूद, बारडोली तालुका पंचायत के अधिकारियों और पदाधिकारियों का प्रदर्शन हमेशा विवादास्पद रहा है।

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