सूरत : अमेरिकी व्यवसायी एवं फेडरेशन ऑफ गुजराती एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. वासुदेव पटेल के साथ संवादात्मक बैठक 

सूरत के उद्यमियों के लिए अमेरिका में नए व्यापार क्षितिज खोलने के लिए फेडरेशन ऑफ गुजराती एसोसिएशन के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

सूरत : अमेरिकी व्यवसायी एवं फेडरेशन ऑफ गुजराती एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. वासुदेव पटेल के साथ संवादात्मक बैठक 

दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के एसजीसीसीआई ग्लोबल कनेक्ट मिशन 84 के तहत रविवार को सुबह अमेरिकी बिजनेसमैन और फेडरेशन ऑफ गुजराती एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. वासुदेव पटेल के साथ एक संवादात्मक बैठक हुई। इस बैठक में भारत सरकार के पूर्व भारी उद्योग मंत्री डॉ. वल्लभ कथीरिया और अटलांटा के व्यवसायी चतुरभाई छाभाया और उद्योगपति एस.डी. पटेल, अश्विन वघासिया, अश्विन पटेल, संदीप रादडिया और प्रदीप कंसारा मौजूद थे।

बैठक में एसजीसीसीआई ग्लोबल कनेक्ट मिशन 84 के तहत दक्षिणी गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और अमेरिकन फेडरेशन ऑफ गुजराती एसोसिएशन के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष रमेश वघासिया और अमेरिकन फेडरेशन ऑफ गुजराती एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. वासुदेव पटेल ने एमओयू पर हस्ताक्षर किये।

चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष रमेश वघासिया ने एसजीसीसीआई ग्लोबल कनेक्ट मिशन 84 की बुनियादी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एक साल पहले जब मिशन 84 का विचार मन में आया तो वह अमेरिका गए और वहां मिले रिस्पॉन्स के आधार पर उन्होंने मिशन 84 का विजन लिया। 

चैंबर अध्यक्ष ने कहा कि जहां भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने की कोशिश शुरू हो गयी है, वहीं पड़ोसी देशों को भी मजबूत करना होगा। अगर हम कारोबार और निर्यात बढ़ाकर भारत को आर्थिक पावर हाउस बनाएंगे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथ अपने आप मजबूत हो जाएंगे। जहां देश के जाबाज सैनिक सीमा पर भारत को सुरक्षित रख रहे हैं, वहीं हम सभी को आर्थिक सैनिक बनकर व्यापार बढ़ाकर भारत की जीडीपी में योगदान देना होगा।

अमेरिकी बिजनेसमैन डॉ. वासुदेव पटेल ने कहा कि अलग-अलग देशों में हर जगह व्यापारिक केंद्र हैं, जिनसे अलग-अलग उद्योगपति, व्यापारी और निर्यातक जुड़े हुए हैं। फिर इन सभी को मिशन 84 की तरह एक प्लेटफॉर्म से जुड़ना होगा। उन्होंने फेडरेशन ऑफ गुजराती एसोसिएशन का उदाहरण देते हुए कहा कि वे अमेरिका में सभी गुजरातियों को इस एसोसिएशन के तहत इकट्ठा कर रहे हैं। वे अमेरिका में शिक्षा में गुजराती को दूसरी भाषा के रूप में रखने की कोशिश कर रहे हैं। इसके अलावा आयरन मैन अमेरिका में यूनिटी बैंक शुरू करने जा रहे हैं जहां उद्यमियों को कारोबार शुरू करने के लिए आसानी से लोन मिल सकेगा।

भारत के पूर्व भारी उद्योग मंत्री डॉ. वल्लभ कथीरिया ने कहा कि जब भारत अमृत काल में प्रवेश कर चुका है, तब मिशन 84 के तहत विचारों का रोपण कर उन्हें क्रियान्वित कर आर्थिक उन्नति के लिए जो काम किया जा रहा है, वह सभी के लिए उपयोगी होगा। सूरत से भले ही अमेरिका, अफ्रीका और दूसरे देशों में कारोबार किया जाता हो, लेकिन मिशन 84 एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो अमेरिका समेत दुनिया के अलग-अलग देशों के साथ कारोबार करने में काम आएगा। उन्होंने सूरत के उद्यमियों से कहा कि देश को आबाद करने के लिए आर्थिक रूप से मजबूत होना जरूरी है।

अटलांटा के कारोबारी चतुरभाई छाभाया ने कहा कि अमेरिका में कारोबार करना बहुत आसान है। बिजनेस के लिए तुरंत रजिस्ट्रेशन होता है। व्यापार के लिए कई अवसर हैं और उसके लिए ईबी वीजा है। अमेरिका में ऑफिस खोलने के लिए L1 वीजा प्रक्रिया है, जिसके तहत मैनेजर अपने परिवार के साथ अमेरिका में रह सकता है और काम कर सकता है। उन्होंने सूरत के उद्यमियों को टेक्सास, एलए, शिकागो और अटलांटा जैसे बहुत अच्छे बिजनेस सेंटरों के बारे में भी बताया। उन्होंने आगे कहा कि मिशन 84 के तहत किया जा रहा काम बेहद सराहनीय है।

बैठक में चैंबर ऑफ कॉमर्स के तत्कालीन पूर्व अध्यक्ष हिमांशु बोडावाला और पूर्व अध्यक्ष महेंद्र कतारगामवाला, दिलीप चश्मावाला और आशीष गुजराती के साथ ही सूरत के विभिन्न उद्योगों से जुड़े उद्यमी और व्यापारी उपस्थित थे। चैंबर के मानद मंत्री निखिल मद्रासी ने बैठक में उपस्थित सभी को धन्यवाद दिया।

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