सूरत : एक साड़ी में संपूर्ण रामायण, चार भाषाओं में 2008 बार श्रीराम का नाम लिखा

सूरत के कपड़ा व्यापारी ने एक साड़ी में भगवान राम की जीवन यात्रा को दर्शाया 

सूरत : एक साड़ी में संपूर्ण रामायण, चार भाषाओं में 2008 बार श्रीराम का नाम लिखा

सूरत के एक कपड़ा व्यापारी ने अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए अनोखी साड़ियां तैयार की हैं। पूरी रामायण कपड़ा व्यापारी ने एक ही साड़ी पर तैयार की है। जिसमें भगवान श्री राम के वनवास से लेकर दोबारा अयोध्या पहुंचने पर राज्याभिषेक तक की तस्वीरों वाली शानदार साड़ी तैयार की गई है। इसके साथ ही साड़ी पर 2008 बार चार अलग-अलग भाषाओं में श्रीराम भी लिखा है। यह साड़ी भगवान को पहनने या ओढ़ाने के लिए नहीं बल्कि स्मृति स्वरूप रखने और मंदिर में दर्शन के लिए है।

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के साथ ही रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। तब पूरा देश राम भक्ति में लीन नजर आ रहा है। सूरत में भी रामभक्ति हर तरफ फैल रही है। सूरत के एक कपड़ा व्यापारी ने एक विशेष डिजिटल प्रिंट के साथ दो अलग-अलग साड़ियाँ तैयार की हैं। सूरत के कपड़ा व्यापारी और फोस्टा के अध्यक्ष कैलाश हकीम ने ऐसी साड़ियाँ डिज़ाइन की हैं जो एक विशेष प्रकार की राम भक्ति को दर्शाती हैं। एक साड़ी पर 500 साल बाद राम मंदिर बनकर तैयार हुआ है। ‌इस लिए पहली साड़ी भगवान राम के संपूर्ण जीवन को दर्शाती है जबकि दूसरी साडी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रिंट भी तैयार किया गया है। 

सूरत के कपड़ा व्यापारी कौशल हकीम द्वारा तैयार की गई राम भक्ति को दर्शाती साड़ी के लिए एक विशेष रेपियर मशीन में भी तैयार की गई है। यह साड़ी भगवान श्रीराम के संपूर्ण जीवन को दर्शाती है। जिसमें भगवान राम के वनवास, शबरी मिलाप, रावण की मृत्यु से लेकर अयोध्या में राज्य अभिषेक तक का सिंहावलोकन एक साड़ी पर तैयार किया गया है। इस पूरे अवसर पर ग्राफिक तस्वीरें तैयार की जाती हैं और पूरी साड़ी पर खूबसूरती से प्रिंट की जाती हैं। साथ ही इस साड़ी पर देश की चार अलग-अलग भाषाओं में 2008 बार श्रीराम लिखा हुआ है।

साड़ी बनाने वाले कारोबारी कैलास हाकिम ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर लोगों में काफी उत्साह है। कपड़ा व्यापारी होने के नाते उन्होंने राम मंदिर के लिए तीन से चार अलग-अलग साड़ियां तैयार की हैं। इन साड़ियों को डिजिटल और नई तकनीक से तैयार किया गया है। मंदिर को तैयार करने के संघर्ष और अंत में मिली सफलता की छाप वाली एक साड़ी तैयार की गई है। जिसमें प्रधानमंत्री से राम मंदिर निर्माण तक की डिजिटल प्रिंटेड साड़ियां तैयार की गई हैं। 

 

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