पिछले 9 वर्षों में देश में 30 नए कैंसर अस्पताल विकसित किए गए : प्रधानमंत्री
बीमारियों की शुरुआती जांच में अहम भूमिका निभा रहे हैं आयुष्मान आरोग्य मंदिर
नई दिल्ली, 21 जनवरी (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि सरकार का प्रयास है कि कैंसर के उपचार में किसी भी मरीज को मुश्किलें ना आएं। इसी सोच के साथ पिछले 9 साल में देश में करीब 30 नए कैंसर अस्पताल विकसित किए गए हैं और 10 नए कैंसर अस्पताल पर अभी काम चल रहा है।
प्रधानमंत्री वीडियो संदेश के जरिए गुजरात में श्री खोडलधाम ट्रस्ट-कैंसर अस्पताल के शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने खोडल धाम की पवित्र भूमि और खोडल मां के भक्तों के साथ जुड़ने को बड़े सौभाग्य की बात बताया। मोदी ने कहा कि श्री खोडलधाम ट्रस्ट ने अमरेली में कैंसर अस्पताल और अनुसंधान केंद्र की आधारशिला रखकर जनकल्याण और सेवा के क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि 14 साल पहले लेउवा पाटीदार समाज ने सेवा, संस्कार और समर्पण के संकल्प के साथ श्री खोडलधाम ट्रस्ट की स्थापना की थी। तब से ट्रस्ट ने अपनी सेवा के जरिए लाखों लोगों के जीवन में बदलाव लाने का काम किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी भी मरीज को कैंसर के इलाज में कठिनाइयों का सामना न करना पड़े, इसी सोच के साथ पिछले 9 वर्षों में देश में लगभग 30 नए कैंसर अस्पताल विकसित किए गए हैं और 10 नए कैंसर अस्पतालों पर काम चल रहा है। प्रधानमंत्री ने इसके इलाज के लिए कैंसर का सही समय पर पता लगाने के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि जब तक गांवों के लोगों में कैंसर का पता चलता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। ऐसी स्थितियों से बचने के लिए केंद्र सरकार ने ग्रामीण स्तर पर 1.5 लाख से ज्यादा ‘आयुष्मान आरोग्य मंदिर’ बनाए हैं, जहां कैंसर समेत कई गंभीर बीमारियों का जल्द पता लगाने पर जोर दिया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात ने पिछले 20 वर्षों में स्वास्थ्य क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है और यह भारत का एक बड़ा चिकित्सा केंद्र बन गया है। उन्होंने बताया कि 2002 तक गुजरात में केवल 11 मेडिकल कॉलेज थे जबकि आज यह संख्या बढ़कर 40 हो गई है। बीस वर्षों में यहां एमबीबीएस सीटों की संख्या लगभग 5 गुना बढ़ गई है और पीजी सीटों की संख्या भी करीब 3 गुना बढ़ गई है। वर्ष 2002 तक गुजरात में केवल 13 फार्मेसी कॉलेज थे जबकि आज उनकी संख्या लगभग 100 हो गई है और पिछले 20 वर्षों में डिप्लोमा फार्मेसी कॉलेजों की संख्या भी 6 से बढ़कर लगभग 30 हो गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के विकास के लिए भी आवश्यक है कि लोग स्वस्थ हों, सशक्त हों। खोड़ल माता के आशीर्वाद से आज हमारी सरकार इसी सोच पर चल रही है। गंभीर बीमारी में गरीबों को इलाज की चिंता ना करनी पड़े, इसलिए हमने आयुष्मान भारत योजना शुरू की थी। आज इस योजना की मदद से 6 करोड़ से ज्यादा लोग अस्पताल में भर्ती होकर अपना इलाज करा चुके हैं। इसमें बड़ी संख्या कैंसर के मरीजों की भी रही है। अगर आयुष्मान भारत योजना ना होती तो इन गरीबों को एक लाख करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते। हमारी सरकार ने 10 हजार जन औषधि केंद्र भी खोले हैं, जहां लोगों को 80 परसेंट डिस्काउंट पर दवाइयां मिल रही हैं। अब सरकार पीएम जनऔषधि केंद्रों की संख्या को बढ़ाकर 25 हजार करने जा रही है। सस्ती दवाइयों की वजह से मरीजों के 30 हजार करोड़ रुपये खर्च होने से बचे हैं। सरकार ने कैंसर की दवाइयों के दाम भी नियंत्रित किए हैं जिनका लाभ अनेकों कैंसर मरीजों को हुआ है।
ट्रस्ट के साथ अपने दीर्घकालिक जुड़ाव पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने 9 अनुरोध सामने रखे। सबसे पहले पानी की हर बूंद को बचाना और जल संरक्षण के बारे में जागरुकता पैदा करना। दूसरा- ग्रामीण स्तर पर डिजिटल लेनदेन के प्रति जागरुकता पैदा करना। तीसरा- अपने गांव, मोहल्ले और शहर को स्वच्छता में नंबर वन बनाने के लिए काम करें। चौथा- स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दें और जितना हो सके मेड इन इंडिया उत्पादों का उपयोग करें। पांचवां- देश के भीतर यात्रा करें और घरेलू पर्यटन को बढ़ावा दें। छठा- प्राकृतिक खेती के प्रति किसानों को जागरूक करें। सातवां- दैनिक आहार में श्रीअन्न (मिलेट्स) को शामिल करें। आठवां- फिटनेस, योग या खेल में शामिल हों और इसे जीवन का अभिन्न अंग बनाएं और अंत में नवां- किसी भी तरह के नशे और लत से दूर रहें। प्रधानमंत्री ने संपन्न वर्ग से देश में विवाह समारोह करने और विदेशी गंतव्य शादियों से परहेज करने का भी आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने कहा, "मेड इन इंडिया की तरह, अब वेड इन इंडिया।"