गोधरा काण्ड के बलिदानियों के परिजन पहुंचे अयोध्या, प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में होंगे शामिल

22 जनवरी को राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में गोधरा के बलिदानियों के परिजनों को भी आमंत्रित किया गया है

गोधरा काण्ड के बलिदानियों के परिजन पहुंचे अयोध्या, प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में होंगे शामिल

अयोध्या, 18 जनवरी (हि.स.)। अनेक आन्दोलन और संघर्षों के कारण श्रीराम की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर बन रहा है। ऐसे में कारसेवा में बलिदानी रामभक्तों और गोधरा काण्ड के बलिदानियों को भुलाया नहीं जा सकता। गोधरा में ट्रेन में आग लगा दी गयी थी, जिसमें 58 रामभक्त जिंदा जला दिये गये थे। 22 जनवरी को राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में गोधरा के बलिदानियों के परिजनों को भी आमंत्रित किया गया है। ऐसे ही अहमदाबाद से आये गोधरा के बलिदानियों के परिजन से हिन्दुस्थान समाचार ने भेंट की।

गोधरा कांड में बलिदान हुईं जीबी बहन परमा भाई डाभी के पुत्र हरीश डाभी ऑटो रिक्शा चालक हैं। उन्हें ट्रस्ट की ओर से आमंत्रण मिला है। हरीश डाभी ने बताया कि हमारी मां अयोध्या इसलिए आयीं थीं कि राम मंदिर निर्माण हो। वह देख नहीं पायीं। आज हमारी माता की इच्छाओं की पूर्ति हो रही है। हम पीएम नरेन्द्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ को बधाई देता हूं और उनको प्रणाम करता हूं। उन्होंने बताया कि राम मंदिर निर्माण से हमारी बस्ती के लोग खुश हैं।

मैं जब निकला तो गांव वालों ने ढोल नगाड़ा बजाकर, फूल माला पहनाकर जय श्रीराम के नारों के बीच करीब 500 लोगों ने हमें भेजा। मोदी जी 150 साल जिएं ऐसा हम राम जी से प्रार्थना करते हैं। मोदी और योगी दीर्घायु हों। मेरी आयु मोदी जी को लग जाए ऐसी हम प्रार्थना करते हैं।

वर्तमान में विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय मंत्री देवजी भाई रावत उस समय गुजरात में विहिप के प्रान्त संगठन मंत्री थे। उन्होंने ही एक ट्रेन बुककर रामभक्तों को अयोध्या में राम नाम जप अनुष्ठान में शामिल होने के लिए भेजा था।

विहिप के केन्द्रीय मंत्री व प्रवक्ता देव जी भाई रावत ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि अहमदाबाद में चौरासी चाल मजूर गांव में गीतामंदिर के पास अनुसूचित समाज की बस्ती है। इस बस्ती से दो महिलाएं, जो अनुसूचित समाज से थीं, जिनमें जीबी बहन परमा भाई डाभी और प्रमिला बहन नारायण भाई डाभी अयोध्या आयी थीं। गोधरा कांण्ड में इन बहनों का बलिदान हो गया।

दलित बस्ती में सांत्वना देने पहुंचे थे कांचीपीठ के शंकराचार्य

गोधरा की घटना के तत्काल बाद कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य, जो अब ब्रह्मलीन हो गये हैं, पूज्य जयेन्द्र सरस्वती दलित बस्ती में परिजनों को सान्त्वना देने गये थे। वह अत्यंत भावुक क्षण था, जब शंकराचार्य ने स्व. जीबी परमा भाई डाभी और प्रमिला नारायण डाभी के घर जाकर उनके बच्चों में गोद में उठाकर आशीर्वाद दिया था।

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