अहमदाबाद : मोतियाबिंद ऑपरेशन कांड, राज्य सरकार ने जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का दिया आश्वासन 

बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेष पटेल ने इलाज करा रहे मरीजों से मुलाकात की

अहमदाबाद : मोतियाबिंद ऑपरेशन कांड, राज्य सरकार ने जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का दिया आश्वासन 

अहमदाबाद जिले के विरगाम के मांडल में रामानंद नेत्र अस्पताल में 10 जनवरी को 29 रोगियों की मोतियाबिंद सर्जरी की गई थी। इस सर्जरी के दो दिन बाद, 17 लोगों ने आंशिक या पूर्ण दृष्टि हानि की शिकायत करने बाद गुजरात के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने जांच का आदेश दिया था। इस पूरे जांच के लिए 9 सदस्यीय समिति गठित की गई है। इसके अलावा अस्पताल को अगले आदेश तक मोतियाबिंद की कोई भी सर्जरी न करने को भी कहा गया है। हाल में पूरे मामले की जांच की जा रही है, वहीं बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री ने इलाज करा रहे मरीजों से मुलाकात की।

सरकार सख्त कदम उठाने से बिल्कुल भी पीछे नहीं हटेगी- स्वास्थ्य मंत्री

 बुधवार को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेष पटेल और स्वास्थ्य आयुक्त हर्षद पटेल इन रेफर किए गए मरीजों से मिलने सिविल अस्पताल पहुंचे। इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और अगर कोई जिम्मेदार है तो सरकार उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगी। इससे पहले, मंत्री ने मामले की जानकारी मांगी थी और गांधीनगर मेडिकल टीम को मांडल भेजा गया था। इसके लिए जिम्मेदार दवा, इंजेक्शन या इलाज करने वाले स्टाफ को लेकर जांच शुरू कर दी गई है।

अस्पताल को अगले आदेश तक आगे की सर्जरी न करने को कहा गया

इससे पहले, पांच मरीजों को गंभीर जटिलताओं के कारण अहमदाबाद सिविल में रेफर किया गया था, जबकि 12 को उसी रामानंद नेत्र अस्पताल में निगरानी में रखा गया है। इस अस्पताल में जनवरी महीने में सर्जरी कराने वाले 100 से अधिक मरीजों की विरमगाम में जांच की गई ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे प्रभावित न हों।

हम हर मरीज की गहनता से जांच कर रहे हैं : डॉ. सोमेश अग्रवाल

अहमदाबाद सिविल हॉस्पिटल की एम एंड जे इंस्टीट्यूट ऑफ ऑप्थल्मोलॉजी के डॉ. सोमेश अग्रवाल जो समिति के सदस्य भी हैं, वे मांडल पहुंचे और पत्रकारों से कहा कि, ''हम हर मरीज की गहन जांच कर रहे हैं और सर्जरी के बाद मरीजों को दी जाने वाली दवाओं के नमूने भी एकत्र कर रहे हैं।''इससे पहले बुधवार को  उच्च न्यायालय में एक स्वत: संज्ञान याचिका दायर की गई और स्वास्थ्य सचिव और अहमदाबाद ग्रामीण एसपी को नोटिस भेजा गया। समाचार रिपोर्ट के आधार पर, न्यायमूर्ति एएस सुपेहिया और न्यायमूर्ति विमल व्यास की पीठ ने स्वत: संज्ञान लिया और सरकार को मामले में प्रारंभिक जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया। मामले की सुनवाई 7 फरवरी को प्रधान न्यायाधीश की अदालत में होगी।