कानून सही है तो विपक्ष को सहयोग करना चाहिए, सही नहीं है तो चर्चा करें: ओम बिरला

मप्र विधानसभा में दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम शुरू, लोकसभा अध्यक्ष ने नवनिर्वाचित विधायकों को दिए टिप्स

कानून सही है तो विपक्ष को सहयोग करना चाहिए, सही नहीं है तो चर्चा करें: ओम बिरला

भोपाल, 9 जनवरी (हि.स.)। मध्य प्रदेश विधानसभा में दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम मंगलवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में शुरू हुआ। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने नव निर्वाचित विधायकों को संसदीय शिष्टाचार और आचरण की सीख दी। उन्होंने कहा कि नियोजित तरीके से विधानसभा में व्यवधान पैदा करने की नई परंपरा चल पड़ी है, यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। कानून सही है तो विपक्ष को सहयोग करना चाहिए। अगर सही नहीं है तो चर्चा करनी चाहिए। कानून बनाते समय तर्कों से चर्चा करें तो कानून बेहतर बनेगा।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि देशभर की विधानसभाओं में शालीनता का स्तर गिरता जा रहा है, यह बड़ी चिंता का विषय है। आजकल विधायकों की रुचि प्रदेश और देश के विषयों में कम होती जा रही है। संक्षिप्त में सवाल पूछने से ज्यादा से ज्यादा जवाब मिलते हैं। प्रश्न करने वाले विधायक और जवाब देने वाले मंत्रियों के सवाल और जवाब के अध्ययन से सरकार में पारदर्शिता बढ़ती है। किसी कानून की चर्चा में केवल विरोध के लिए विरोध और पक्ष को केवल समर्थन करने से हट कर तर्कों के साथ सकारात्मक चर्चा होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश विधानसभा में 30 फीसदी यानी 69 विधायक पहली बार चुन कर आए हैं। इस विधानसभा में कई अनुभवी विधायक भी हैं। इस अनुभव और ज्ञान का लाभ जनता को विधानसभा के माध्यम से मिले, यह हमारा प्रयास होना चाहिए। उन्होंने कहा कि विधानसभा राज्य की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक संस्था है। इसका इस्तेमाल कैसा होगा, यह विधानसभा के सदस्यों पर निर्भर करता है। विधायक अपने क्षेत्र में लोकप्रिय हो सकता है, लेकिन विधानसभा एक ऐसा मंच है जिससे एक विधायक प्रदेश का लीडर बन सकता है। देश के जितने बड़े नेता बने हैं वो इन सदनों की चर्चा से ही बड़े बने हैं। उन्होंने हर विधानसभा के अंदर एक रिसर्च सेल बनने की बात कही। उन्होंने कहा कि कानून बनने के बाद नियम बनने में सालों हो जाते हैं, लेकिन जनकल्याण के लिए कानून बनने के बाद जल्द से जल्द नियम बनाए जाने चाहिए।

दरअसल, सदन में भूमिका और आचरण कैसा हो, जनहित के मुद्दों को कैसे नियम-प्रक्रिया के अंतर्गत उठाया जाए, बजट चर्चा में किस तरह बात रखें और अन्य विधायी कार्यों की क्या प्रक्रिया है- ऐसे कई पहलुओं की जानकारी नवनिर्वाचित विधायकों को देने के उद्देश्य से मध्य प्रदेश विधानसभा में दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम हो रहा है। विधानसभा के मानसरोवर सभागार में आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का सुबह 11 बजे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

जनप्रतिनिधि को नियम-प्रक्रिया की जानकारी हो : तोमर

कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में मप्र विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि अच्छा जनप्रतिनिधि बनने के लिए जरूरी है कि उसे नियम-प्रक्रिया की जानकारी हो। आज यह प्रचलन हो गया है कि सदन में चिल्ला कर बोलो तो अच्छा समझा जाएगा। सदन में बात रखते समय जोश दिखे पर वह होश से नियंत्रित हो। गुस्सा आचरण में नहीं झलकना चाहिए। सार्वजनिक हितों के प्रश्नों का अध्ययन होना चाहिए। प्रशिक्षण से आपके व्यक्तित्व में निखार आएगा।

इससे पहले कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला मंगलवार सुबह कोटा से ट्रेन के जरिए भोपाल पहुंचे। रेलवे स्टेशन पर विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, विश्वास सारंग, कृष्णा गौर, विधायक रामेश्वर शर्मा, भोपाल महापौर मालती राय आदि ने स्वागत कर उनकी अगवानी की।

कार्यक्रम में पहुंचने पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव एवं विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया। उद्घाटन सत्र में लोकसभा स्पीकर व मप्र विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के अलावा उप्र विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, नेता प्रतिपक्ष मंग सिंघार भी ने अपने विचार रखे।

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