देश के निर्यात में गुजरात की 33 फीसदी हिस्सेदारी
देश के कुल उत्पादन में गुजरात का हिस्सा 18 फीसदी है
गांधीनगर, 5 जनवरी (हि.स.)। उद्योग मंत्री बलवंतसिंह राजपूत ने वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट सहित विभिन्न आयोजनों के जरिए राज्य को हासिल हुई उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए आज कहा कि भौगोलिक रूप से छोटे राज्य गुजरात की देश के निर्यात में 33 फीसदी की हिस्सेदारी है।
उन्होंने कहा कि देश के कुल उत्पादन में गुजरात का हिस्सा 18 फीसदी है। इसी तरह, गुजरात लॉजिस्टिक्स में प्रथम स्थान पर है। रोजगार के अवसर प्रदान करने के मामले में गुजरात राज्य पहले नंबर पर है। इसके अलावा देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में गुजरात का योगदान 8.4 फीसदी है।
उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव एस.जे. हैदर ने वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट 2024 के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में गुजरात में आयोजित होने जा रही आजादी के अमृत काल की यह पहली वाइब्रेंट समिट ‘विकसित भारत@2047’ का रोडमैप तैयार करेगी।
उन्होंने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में 2003 से शुरू हुई वाइब्रेंट समिट का 10वां संस्करण मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन में आयोजित होने जा रहा है। समिट में हिस्सा लेने के लिए 136 देशों से 1 लाख 7 हजार लोगों और कंपनियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है, जो रिकॉर्ड है। हैदर ने कहा कि राज्य में आयोजित हो रही वाइब्रेंट समिट के जरिए गुजरात की छवि में देश और दुनिया में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 09 जनवरी को दोपहर बाद गांधीनगर स्थित हेलीपैड मैदान में 10वें वाइब्रेंट समिट के अंतर्गत आयोजित होने जा रहे ग्लोबल ट्रेड शो का उद्घाटन करेंगे जबकि वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट का उद्घाटन समारोह 10 जनवरी को सुबह 09.45 बजे गांधीनगर के महात्मा मंदिर में आयोजित होगा। इस समारोह में देश-विदेश के गण्यमान्य व्यक्ति और प्रतिनिधि भाग लेंगे। समिट के तहत विभिन्न सेमिनार, रिवर्स बायर्स मीट, बिजनेस प्रमोशनल कार्यक्रमों के अलावा बी2बी, बी2जी और जी2जी बैठकें भी आयोजित की जाएंगी।
उन्होंने बताया कि इस 10वें समिट के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा राज्य में पहली बार ‘वाइब्रेंट गुजरात, वाइब्रेंट डिस्ट्रिक्ट’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। 32 जिलों में आयोजित किए गए इन कार्यक्रमों में 46 हजार करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए, जिससे 1.75 लाख से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे। समिट में हुए एमओयू को वास्तविकता में बदलने के लिए सभी संभावनाएं तलाशी जा रही हैं और इसके लिए सक्रिय प्रयास किए जाएंगे। इस बार के समिट में जी20 के अंतर्गत जो थीम थी, उसे आगे बढ़ाने के प्रयास भी किए जाएंगे। इस बार राज्यों को बढ़ावा देने के लिए स्टेट और कंट्री सेमिनारों का भी आयोजन किया गया है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री के ‘नेट जीरो’ की अवधारणा को साकार करना भी राज्य सरकार की प्राथमिकता है।