'मन की बात' में प्रधानमंत्री ने कहा, फिटनेस के संकल्प से करें नव वर्ष की शुरुआत

प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ के 108वें एपिसोड में देशवासियों को नववर्ष की बधाई दी

'मन की बात' में प्रधानमंत्री ने कहा, फिटनेस के संकल्प से करें नव वर्ष की शुरुआत

नई दिल्ली, 31 दिसंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में वर्ष-2024 के लिए देशवासियों को शुभकामनाएं देने के साथ ही आग्रह किया कि वे इस वर्ष में फिटनेस से जुड़ा संकल्प धारण करें। साथ ही प्रधानमंत्री ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को देखते हुए सोशल मीडिया पर हैशटैग श्रीराम भजन के साथ गीत, भजन और कवितायें साझा करने के लिए भी कहा।

प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ के 108वें एपिसोड में देशवासियों को नववर्ष की बधाई दी। उन्होंने कहा कि माला के एक सौ आठ मनकों की तरह यह एपिसोड भी उनके लिए विशेष महत्व रखता है। उन्होंने कहा, “भारत आत्मविश्वास से भरपूर है, विकसित भारत की भावना व आत्मनिर्भरता की भावना से ओत-प्रोत है। हमें 2024 में भी यही भावना और गति बरकरार रखनी है।”

इस एपिसोड में उन्होंने ‘फिट इंडिया’ अभियान को लेकर देशवासियों से प्राप्त संदेशों को साझा किया। इसी क्रम में उन्होंने आध्यात्मिक गुरु जग्गी वासुदेव, महिला क्रिकेटर हरमनप्रीत कौर, शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद, फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार से प्राप्त संदेश सुनाए।

आध्यात्मिक गुरु जग्गी वासुदेव ने मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि शांति, खुशहाली और संतोष का हमारे जीवन में बहुत बड़ा महत्व है। क्रिकेटर हरमनप्रीत कौर ने खानपान के महत्व पर प्रकाश डाला और सलाह दी लोग अपने खान-पान में मोटा अनाज शामिल करें। ग्रैंड मास्टर विश्वनाथन आनंद ने रात की अच्छी नींद को स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी बताया। अच्छी नींद से दबाव में निर्णय लेना और अपनी भावनाओं को नियंत्रित रखना आसान हो जाता है।

फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार ने ‘फिल्टर लाइफ’ के स्थान पर ‘फिट लाइफ’ अपनाने का मंत्र दिया। उन्होंने युवाओं से विशेषकर कहा कि फिल्म अभिनेताओं की नकल उतारते हुए स्टेरॉयड का इस्तेमाल नहीं करें। अपने जीवन में महंगे जिम ट्रेनिंग के स्थान पर आउटडोर एक्टिविटीज शामिल करें। शुद्ध देसी घी खायें, यह मोटापा नहीं बल्कि अच्छा स्वास्थ्य देता है। उन्होंने कहा, “फिटनेस एक तरह की तपस्या है, यह इंस्टेंट कॉफी या 2 मिनट का नोडल नहीं है, नए साल में अपने आप से वादा करें कि नो केमिकल नो शॉर्टकट, कसरत, योग, अच्छा खाना, वक्त पर सोना, थोड़ा ध्यान और जैसे आप दिखते हैं उसे खुशी से स्वीकार करें।”

प्रधानमंत्री ने अपने कार्यक्रम में बेंगलुरु के एक फिटनेस ट्रेनर ऋषभ मल्होत्रा के बारे में बताया जिन्होंने भारत की परंपरागत पद्धति से जुड़े ‘गदा व्यायाम’ को नियमित व्यायाम का हिस्सा बनाने से जुड़ा एक स्टार्टअप शुरू किया है।

अयोध्या में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों में इसको लेकर उत्साह और उमंग है। इसके लिए लोग गीत, भजन और कवितायें बना रहे हैं जिनमें से कुछ को उन्होंने स्वयं भी साझा किया है। उन्होंने इन सबको एक साथ लाने के लिए आग्रह किया कि लोग हैशटैग श्रीरामभजन के साथ सोशल मीडिया पर इन्हें साझा करें।

मातृभाषा के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वे चाहते हैं कि किसी बच्चे की स्कूली शिक्षा में भाषा बाधा नहीं बननी चाहिए। उन्होंने काशी तमिल संगमम् में एआई टूल के माध्यम से वास्तविक समय में हिंदी से तमिल में हुए ट्रांसलेशन का उदाहरण दिया। साथ ही उन्होंने झारखंड के एक आदिवासी गांव में बच्चों को मातृभाषा में शिक्षा देने की अनोखी पहल की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कुडुख उरांव आदिवासी समुदाय की मातृभाषा है। तोलंग सिकी इसकी लिपि है। यह भाषा धीरे-धीरे विलुप्त हो रही थी। इसे बचाने के लिए अरविंद उरांव ने गढ़वा जिले के मंगलो गांव के बच्चों को कुडुख में शिक्षा देनी शुरू की।

प्रधानमंत्री ने अपने कार्यक्रम में समाज सुधारक सावित्रीबाई फुले और विदेशियों से लोहा लेने वाली रानी वेलु नाचियार को याद किया। दोनों की जयंती 3 जनवरी को आ रही है। उन्होंने कहा कि देश को अपनी इन महान बेटियों से प्रेरणा लेनी चाहिए।

प्रधानमंत्री ने गुजरात की डायरा परंपरा के बारे में बताया। इसमें परंपरागत संगीत, साहित्य और हास्य मनोरंजन का उपयोग कर ज्ञान बढ़ाया जाता है। उन्होंने इससे जुड़े एक कलाकार जगदीश त्रिवेदी के संकल्प की जानकारी दी। जिन्होंने 50 साल की उम्र के बाद इसके माध्यम से होने वाली आय को समाज सेवा में लगाने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें उनसे एक पुस्तक भी प्राप्त हुई है जिसमें उनकी आय और खर्च का लेखा-जोखा है।

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