प्राकृतिक खेती के लिए राज्यपाल ने दिए श्रेष्ठ आत्मा किसान पुरस्कार
प्राकृतिक खेती में पानी का कम उपयोग होता है और केंचुए एवं मित्रजीवों की वृद्धि के कारण जमीन की गुणवत्ता बनी रहती है
अहमदाबाद, 25 दिसंबर (हि.स.)। राज्यपाल आचार्य देवव्रत की उपस्थिति में सोमवार को अहमदाबाद के संस्कारधाम में प्राकृतिक कृषि मेगा शिविर का आयोजन किया गया। इस मौके पर राज्यपाल ने रासायनिक खेती को जहर परोसने का माध्यम करार देते हुए कहा कि आने वाली पीढ़ी के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्राकृतिक खेती अनिवार्य है। इससे जल की पवित्रता, वायु की शुद्धि और आहार की गुणवत्ता बनी रहेगी।
राज्यपाल ने कहा कि प्राकृतिक खेती में पानी का कम उपयोग होता है और केंचुए एवं मित्रजीवों की वृद्धि के कारण जमीन की गुणवत्ता बनी रहती है। इसके चलते किसानों को ज्यादा उत्पादन और आय मिल सकती है। प्रकृति के माध्यम से किसान समृद्ध बन सकेंगे और विकसित भारत संकल्प को साकार करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकेंगे। रासायनिक खेती की तुलना में प्राकृतिक खेती का खर्च बहुत कम आता है। उत्पादन में अभिवृद्धि के साथ गुणवत्ता भी बढ़ती है।
इस अवसर पर दसक्रोई की किसान अमृतबेन झाला, देत्रोज के किसान दिलीपभाई पटेल और धंधुका के किसान भीमजीभाई साबरा को राज्यपाल ने “बेस्ट आत्मा किसान अवार्ड” प्रदान कर सम्मानित किया। कार्यक्रम से पहले राज्यपाल ने संस्कारधाम परिसर को देखा और बालकों को प्रदान की जाने वाली सुविधाओं की जानकारी हासिल की। इस दौरान राज्यपाल ने शूटिंग पर हाथ आजमाया और ड्रोन उड़ाने का अनुभव लिया।
कार्यक्रम में साणंद के विधायक कनुभाई पटेल, अहमदाबाद जिला पंचायत प्रमुख कंचनबा वाघेला, अहमदाबाद कलक्टर प्रवीणा डीके, जिला विकास अधिकारी मेहुल दवे, एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट एजेंसी-आत्मा के डिरेक्टर पीएस. रबारी, अहमदाबाद जिला खेतीबाडी अधिकारी, संस्कारधाम के चेयरमेन आर. के. शाह और किसान भारी संख्या में उपस्थित रहे।