फतेहपुर के किसानों ने शुरू की शिमला मिर्च की खेती, आमदनी से खुश

चौडगरा क्षेत्र के कुछ किसानों ने सब्जियों की खेती कर कृषि को फायदे का सौदा बना लिया है

फतेहपुर के किसानों ने शुरू की शिमला मिर्च की खेती, आमदनी से खुश

फतेहपुर, 24 दिसंबर (हि.स.)। जिले में शिमला मिर्च की खेती से कई किसान आमदनी कर अन्य किसानों को प्रेरित कर रहे हैं। वैसे तो जिले भर में खाद्यान्नों के अलावा लगभग सभी सब्जियों की खेती किसान करके जीवन निर्वाह रहते आ रहे हैं। बीते दो-तीन वर्षों से जिले के चौडगरा क्षेत्र के आसपास के किसान शिमला मिर्च की खेती करके अच्छी आमदनी कर पहले से बेहतर खुश हैं।

चौडगरा क्षेत्र के कुछ किसानों ने सब्जियों की खेती कर कृषि को फायदे का सौदा बना लिया है। मलवां विकास खंड के जलाला, मवईया, शाहजहांपुर, पहुर के कुछ किसान शिमला मिर्च का उत्पादन कर अच्छी आमदनी कर रहे हैं। किसान शिमला मिर्च की अपनी फसल को बिंदकी सहित कानपुर, प्रयागराज मंडी ले जाते हैं और वहां से शिमला मिर्च अन्य राज्यों में भी भेजी जाती है।

उत्कर्ष फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड (एफपीओ) के सीईओ हरीकृष्ण अवस्थी ने रविवार को बताया क्षेत्र में सब्जियों के उत्पादन के लिए किसानों को प्रेरित किया जा रहा है। हरे पत्तेदार सब्जियों की खेती भी किसान कर रहे हैं। शिमला मिर्च की मांग भी है और बाजार भी उपलब्ध है इसलिए किसानों का मन भी लग रहा है।

शिमला मिर्च एक ऐसी सब्जी है, जिसका प्रयोग आज के समय में हर फास्ट फूड में होता है। यहां के किसानों ने शिमला मिर्च की बढ़ती मांग को देखकर इसका उत्पादन शुरू किया और आज शिमला मिर्च को न केवल आसपास बल्कि बंगाल सहित अन्य राज्यों में भी भेजा जा रहा है। शिमला मिर्च का उत्पादन करने वाले किसान अब इस फसल से मुनाफा कमा कर दूसरे किसानों को भी प्रेरित कर रहे हैं। कुछ समय पूर्व तक यहां के किसान फूल गोभी, बंदगोभी, बैंगन, लौकी, खीरा, भिंडी, टमाटर, मटर आदि सब्जियों का उत्पादन करते थे। इसका अधिक उत्पादन होने के कारण किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल पाता था। कुछ किसानों ने शिमला मिर्च का उत्पादन शुरू किया और इसकी फसल को अन्य राज्यों में भेजकर इस फसल को फायदे का सौदा बना लिया है। शिमला मिर्च की फसल तैयार होने में दो से ढाई महीने का समय लगता है और उत्पादन भी अच्छा होता है इससे प्रेरित होकर आज आधा दर्जन गावों में किसानों ने इसकी खेती शुरू की है।

जलाला गांव के किसान रमेश प्रसाद का कहना है कि शिमला मिर्च की खेती मैंने काफी डरकर की। क्योंकि अपने यहां का मौसम अलग है फिर भी शुरुआत किया, जिसमें लागत से मुनाफ़ा अधिक हो रहा है। इसलिए गांव के अन्य लोगों को भी इसकी खेती करने के लिए प्रेरित करता हूं। शिमला मिर्च की खेती ने मुझे आगे बढ़ने का मौका दिया है।

शाहजहांपुर के किसान मनीष उत्तम ने कहा कि पिछले साल की खेती से आमदनी देखकर खेती छोड़ने का मन बना लिया था, लेकिन जब शिमला मिर्च की खेती करना शुरू किया तो आमदनी अच्छी होने लगी। अभी बाजार में 35 से 40 रुपये किलो भाव मिल जाता है।