सूरत : पी.पी. सवाणी ग्रुप द्वारा आयोजित सामूहिक विवाह में मेहंदी रसम का भव्य कार्यक्रम
5000 से ज्यादा बेटियों ने लगाई हाथों में मेहंदी लगाई गई, पालक पिता महेशभाई ने भी मेहंदी लगाई
सूरत में शुक्रवार, 22 दिसंबर को सुबह के नौ बजे हैं... सूरत के बाहरी इलाके अब्रामा गांव में पी.पी. सावनी चैतन्य विद्या कॉम्प्लेक्स में गुलाबी ठंड के साथ मेंहदी की खुशबू पूरे वातावरण में फैली हुई है।
साथ ही उन्होंने मेंहदी ते वावी माडवे ने एनो रंग गयो गुजरात रे.... मेंहदी लीली ने रंग रातो..., मारी मेंहदी नो रंग उड़ी जाय रे... जैसे हिंदी गुजराती गानों से माहौल सुरीला हो गया है। ऐसा ही एक अद्भुत मौका बना है पी.पी. सवाणी ग्रुप के आंगन में और मौका था मेहंदी रसम का।
24 दिसंबर को पी.पी. सवाणी ग्रुप द्वारा आयोजित मावतर लग्नोत्सव के तहत शुक्रवार 22 दिसंबर को मेहंदी रसम कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 9 बजे प्रार्थना और दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। उपस्थित अतिथियों एवं बेटियों द्वारा दीप प्रज्वलन के पश्चात; सभी अतिथियों का स्वागत पुस्तकों एवं स्मृति चिन्हों से किया गया। पूरा अब्रामा गांव मेहंदी की खुशबू से महक उठा क्योंकि दिन भर में 5000 से ज्यादा बहनों ने अपने हाथों पर अलग-अलग डिजाइन की मेहंदी रचाई। जब पालक पिता बेटी के हाथों में मेहंदी रचाता है तो बेटी के लिए इससे बड़ी खुशी क्या हो सकती है! पिता की अनुपस्थिति में महेशभाई किस तरह अपनी बेटियों को पिता का स्नेह देकर लाड़-प्यार कर रहे थे, यह देखकर कई बेटियों की आंखें भी भर आईं। इस विवाह उत्सव में परिणय सूत्र में बंधी 75 बेटियों के पालक पिता महेश सवानी ने लगभग सभी बेटियों के हाथों में मेंहदी रचाई।
महेशभाई सवानी ने पिता की गर्मजोशी के साथ वैवाहिक जिवन में कदम रखने वाली 75 बेटियों और अन्य बहन-बेटियों से कहा कि "बेटा कितना भी अच्छा हो, वह अपने पिता के कुल को रोशन कर सकता है, लेकिन बेटी पिता और पति दोनों के कुल को रोशन करने की क्षमता रखती है। जिसने भगवान को भी जन्म दिया वह बेटी ही है। महेशभाई ने कहा कि बहू पूरे परिवार को प्यार के बंधन में बांध कर रखती है। चाणक्य कहते थे कि 'प्रलय और निर्माण शिक्षक की गोद में पलते है इसी प्रकार ससुराल के सुख-दुख भी बहू की वाणी व्यवहार में हैं। बेटी के लिए जरूरी है कि वह घर के सभी सदस्यों को स्वीकार करे। ससुराल में ऐसे घुल-मिल जाएं जैसे दूध में चीनी मिलाई जाती है। शुरुआत में समय देंगे तो सफर आसान रहेगा। अगर किसी से किसी तरह की शिकायत है तो शांति से बैठकर बात करें और उसे सुलझाने का प्रयास करें, अच्छे परिणाम जरूर मिलेंगे। संयुक्त परिवार कि जिम्मेवारी आज की बेटी के सिर पर है। सास-ससूर और बहु के बीच पीढ़ी के अंतर को प्यार और इंसानियत की मिट्टी से भर दो। मेंहदी की खुशबू की तरह खुशियों की खुशबू हमेशा फैली रहे ऐसी मंगलकामना महेशभाई ने बेटीयों को दि।
आज के कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में अर्पिताबेन पटेल (आईपीएस), अमिताबेन वानानी (आईपीएस), हेतलबेन पटेल (आईपीएस), शशिबेन त्रिपाठी (नेता, रूलिंग पार्टी सूरत नगर निगम), मनीषाबेन आहीर (मेडिकल कमेटी- सूरत नगर निगम), भाविशाबेन वघासिया (उपमामलतदार), मीनाक्षीबेन सावलिया (डीआई), संजयभाई (डीआई), विभूतिबेन काकड़िया (सहायक जीएसटी कमिश्नर), उर्विषाबेन हीरपरा (एएसआई), काजलबेन डोंगा (एडवोकेट नोटरी), सेजलबेन गोंडालिया, भक्तिबेन पटेल आदि उपस्थित रहे और दीप प्रज्वलित कर इस मेहंदी रसम कार्यक्रम की शुरुआत की और सामयिक संबोधन भी दिया।