धोलेरा एसआईआर के लिए अहमदाबाद तक बन रहा अत्याधुनिक 4-लेन एक्सप्रेसवे 2024 तक पूरा होगा

वीजीजीएस 2024: भारत की प्रमुख प्लैटिनम-रेटेड इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी है धोलेरा

धोलेरा एसआईआर के लिए अहमदाबाद तक बन रहा अत्याधुनिक 4-लेन एक्सप्रेसवे 2024 तक पूरा होगा

धोलेरा एसआईआर के सुचारू विकास के लिए लगातार प्रयासरत है गुजरात सरकार

गांधीनगर, 18 दिसंबर (हि.स.)। धोलेरा एसआईआर (स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन) में फेज-I (22.54 वर्ग किमी) के तहत विकास परियोजनाओं का 95 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है, जिससे गुजरात में ग्लोबल इन्वेस्टमेन्ट के नए अवसर खुल रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने पिछले दिनों धोलेरा के अपने दौरे में एसआईआर के मॉडर्न इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्ट्रैटिजिक लोकेशन और सेमीकंडक्टर व ग्रीन हाइड्रोजन जैसे उभरते सेक्टर में विशाल संभावनाओं पर प्रकाश डाला और भारत के सस्टेनेबल व टेक्नोलॉजी-ड्रिवन संचालित डेवलपमेंट में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।

वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट का आगामी 10वां संस्करण जनवरी 2024 में आयोजित होने वाला है, जिसके लिए तैयारियां जोरों से चल रही हैं। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने हाल ही में ग्रीनफील्ड औद्योगिक स्मार्ट सिटी और इसके बुनियादी ढांचे के कार्यों की प्रगति का निरीक्षण करने के लिए धोलेरा एसआईआर (विशेष निवेश क्षेत्र) का दौरा किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन "विकसित भारत@2047" को साकार करने की दिशा में धोलेरा एसआईआर को विश्व स्तरीय स्मार्ट औद्योगिक विकास मॉडल के रूप में स्थापित करने का काम तेजी से किया जा रहा है। धोलेरा एसआईआर भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ही देन है जिस पर उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान काम शुरू किया था। गुजरात सरकार ने राज्य में बडे इन्वेस्टमेन्ट रीजन्स और इन्डस्ट्रियल एरियाज की स्थापना, संचालन, विनियमन और प्रबंधन प्रदान करने के लिए 2009 में एसआईआर (विशेष निवेश क्षेत्र) अधिनियम लागू किया, ताकि गुजरात में मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को मजबूत करने के साथ-साथ भारत के डायनामिक बिजनेस इकोसिस्टम के विभिन्न क्षेत्रों पर जोर देने के लिए विशेष रूप से इन्हें इकोनॉमिक एक्टिविटीज़ के ग्लोबल सेंटर के रूप में विकसित किया जा सके।

देश की पहली ग्रीनफील्ड सिटी

देश का प्रमुख प्लैटिनम-रेटेड इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी, जिसमें देश का सबसे बड़ा लैंड पार्सल शामिल है। धोलेरा इसका एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यह दुनिया के पहले कुछ शहरों में से एक है और इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (आईजीबीसी) से ग्रीन सिटी रेटिंग हासिल करने वाली देश की पहली ग्रीनफील्ड सिटी है। अहमदाबाद से लगभग 100 किमी. दक्षिण और गांधीनगर से 130 किमी. दूर स्थित धोलेरा एसआईआर (डीएसआईआर) एक प्रमुख ग्रीनफील्ड इंडस्ट्रियल हब बनने के लिए तैयार है। डीएसआईआर, अपने विश्व स्तरीय प्लग-एंड-प्ले इन्फ्रास्ट्रक्चर और कम पॉवर टैरिफ के साथ एक नॉन-पॉल्यूटिंग इंडस्ट्री का केन्द्र होगा। इसका उद्देश्य शहरी विकास के संदर्भ में उच्चतम गुणवत्ता वाले जीवन मानकों के साथ एक आर्थिक और सामाजिक रूप से संतुलित नए युग का शहर बनाना है। धोलेरा एसआईआर को इंडस्ट्रियल क्लस्टर्स का एक लीनियर जोन बनाने और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर डीएफसी) के प्रभाव क्षेत्र में नोड्स विकसित करने के लिए नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डवलपमेन्ट कॉर्पोरेशन (एनआईसीडीसी) की यह एक बेंचमार्क पहल है। एनआईसीडीसी और डीएसआईआर ने परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए धोलेरा इंडस्ट्रियल सिटी डेवलपमेंट लिमिटेड (डीआईसीडीएल) के रूप में एक स्पेशल पर्पज व्हीकल (एसपीवी) का गठन किया है। कुल 920 वर्ग किमी. में से डवलपएबल एरिया 422 वर्ग किमी. है और 110 वर्ग किमी का क्षेत्र इंडस्ट्रियल डवलपमेन्ट के लिए निर्धारित किया गया है।

एक्टिवेशन एरिया में 22.54 वर्ग किमी का विकास

डीएसआईआर के फेज- 1 के तहत एक्टिवेशन एरिया आता है जिसमें 22.54 वर्ग किमी. एरिया का डेवलपमेंट शामिल है। इसमें उद्योगों, आवासीय स्थानों, मिश्रित उपयोग, मनोरंजन, सामाजिक बुनियादी ढांचे और पर्यटन के लिए आवंटित क्षेत्र शामिल हैं। उद्योगों के लिए भूमि आवंटन पहले ही शुरू हो चुका है, जिसमें 1 एकड़ से लेकर 330 एकड़ और उससे अधिक तक की लैंड पार्सल्स शामिल है। फेज- 1 में इस शहर की सस्टेनिबिलिटी एक मजबूत जल प्रबंधन प्रणाली पर आधारित है जिसमें 50 एमएलडी जल उपचार संयंत्र, एक मास्टर बैलेंसिंग जलाशय (एमबीआर), एलिवेटेड सर्विस जलाशय, एक 10 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) और एक 20 एमएलडी कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईपीटी) शामिल है। सिटी इंटीग्रेटेड ऑपरेशंस सेंटर द्वारा इसकी पूरी प्रक्रिया की निगरानी की जाती है और यह धोलेरा फेज-1 के तहत विकसित हुए आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक स्तर पर पानी की जरूरत को पूरा करती है।

हवाई, रेल, रोड और समुद्री मार्ग से कनेक्टेड रहेगा धोलेरा

एक आदर्श औद्योगिक डेस्टिनेशन बनाने के उद्देश्य के साथ धोलेरा एसआईआर को हर तरह से संपर्क व्यवस्था प्रदान करनी योजना है। राज्य सरकार के सूचना विभाग के अनुसार वर्तमान में, अहमदाबाद के लिए अत्याधुनिक 4-लेन एक्सप्रेसवे निर्माणाधीन है, जिसे 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य है। मेट्रो रेल निर्माण भी काफी तेजी से प्रगति पर है। मल्टी-मॉडल परिवहन प्रणाली में एक क्षेत्रीय माल गलियारा, सार्वजनिक परिवहन गलियारा, आंतरिक परिवहन, बस रैपिड ट्रांसपोर्ट (बीआरटी), और मास रैपिड ट्रांसपोर्ट (एमआरटी) शामिल हैं। भीमनाथ-धोलेरा माल रेल लाइन के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को मंजूरी दे दी गई है, जो डीएफसी के माध्यम से कुशल आवाजाही को बेहतर बनाएगा और बंदरगाहों को धोलेरा के साथ कनेक्ट करेगा। इसी तरह, धोलेरा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भी निर्माणाधीन है और दिसंबर 2025 तक यहाँ से कार्गो मूवमेंट भी शुरू हो जाएगा। हवाई अड्डा सालाना 3,00,000 यात्रियों और 20,000 टन से अधिक कार्गो को संभालेगा की क्षमता रखेगा।

100 एकड़ एरिया में एक सौर मॉड्यूल और सेल मैन्युफैक्चरिंग प्लान्ट

धोलेरा एसआईआर सिटी एक समर्पित सेमीकॉन सिटी के साथ भारत की सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले इंडस्ट्री को भी आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान निभाएगी। रीन्यू पावर जो एक अग्रणी रिन्यूएबल एनर्जी पार्क डेवलपर है, यह धोलेरा में 100 एकड़ एरिया में एक सौर मॉड्यूल और सेल मैन्युफैक्चरिंग प्लान्ट का निर्माण कर रहा है। टाटा केमिकल्स लिमिटेड भी यहाँ 126 एकड़ में लिथियम-आयन बैटरी मैन्युफैक्चरिंग प्लान्ट स्थापित कर रही है। हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्प लिमिटेड एक्टिवेशन एरिया में इलेक्ट्रिकल व्हीकल चार्जिंग स्टेशन और फ्यूल स्टेशन्स को विकसित कर रहा है, और टोरेंट पावर ने भी धोलेरा में औद्योगिक बिजली आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक बिजली वितरण नेटवर्क स्थापित किया है।

4400 मेगावाट का सोलर पार्क

सोलर पार्क विकसित करने के लिए डीएसआईआर के कोस्टल रेगुलेशन ज़ोन में 8500 हेक्टेयर से अधिक भूमि की पहचान की गई है। धोलेरा में स्थापित हो रहा 4400 मेगावाट का सोलर पार्क एनर्जी के मामले में एक गेम-चेंजर पहल है, जो 2030 तक 250 गीगावॉट ग्रीन एनर्जी प्रोडक्शन के राष्ट्रीय लक्ष्य के अनुरूप है । इसे PPP मॉडल के तहत गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (जीयूवीएनएल) द्वारा विकसित किया जा रहा है। इस परियोजना के लिए राज्य सरकार ने 11,000 हेक्टेयर भूमि आवंटित की है। 1000 मेगावाट का बिजली उत्पादन के लक्ष्य के साथ गुजरात पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (जीपीसीएल) यहाँ अपने कार्यों के क्रियान्वयन में लगी हुई है और इसी तरह टाटा पावर कंपनी लिमिटेड भी पहले से ही यहां 300 मेगावाट की क्षमता वाला रिन्यूएबल एनर्जी प्लान्ट शुरू कर चुकी है। ग्रिड तक बिजली की निकासी का काम गुजरात एनर्जी ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (गेटको) के द्वारा किया जा रहा है।

विमानन से लेकर कई उद्योग होंगे स्थापित

धोलेरा एसआईआर ग्रीनफील्ड स्मार्ट सिटी रक्षा, विमानन, इलेक्ट्रॉनिक्स, हाई-टेक सेक्टर में उभरती प्रौद्योगिकियों, फार्मास्यूटिकल्स और जैव प्रौद्योगिकी और हैवी इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में अपार संभावनाएं रखती है। डीएसआईआर, दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर (डीएमआईसी) और डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) का प्रमुख लाभार्थी होगा।

उल्लेखनीय है कि डीएफसी का 38% (565 किमी.) हिस्सा गुजरात से होकर गुजरेगा। यह वर्तमान में अपने विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे और मॉड्यूलर सस्टेनेबल डवलपमेन्ट अप्रोच के साथ भारत में एक आदर्श निवेश गंतव्य है।