सूरत : 5वें दिन आयकर विभाग की तलाश पूरी, दो जगहों पर छापेमारी में 700 करोड़ का बेनामी लेनदेन मिला
250 कैमरे चेक किए, आखिरकार 5 फ्लैट की जांच के बाद 400 करोड़ की कीमत के दस्तावेज मिले
दस्तावेज आईटी के हाथ न लगे इस लिए बिल्डर के स्टाफ ने बदले 5 फ्लैटई
सूरत के सुराणा बिल्डर ग्रुप और राकेश कंसल के खिलाफ आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन विंग द्वारा चलाए गए पांच दिवसीय सर्च ऑपरेशन में कुल 700 करोड़ का बेनामी लेनदेन पाया गया। जिसमें फिल्मी अंदाज में पीछा कर 400 करोड़ के दस्तावेज जब्त किए गए। छापे के दौरान दस्तावेजों को जब्त होने से बचाने के लिए सुराणा बिल्डर समूह ने लगातार पांच फ्लैट बदल दिए।
फ्लैट भी इस तरह बदले गए कि कुछ ही समय में दस्तावेज दूसरे फ्लैटों में स्थानांतरित कर दिए जाते थे, लेकिन करीब 250 सीसीटीवी कैमरों की जांच के बाद अधिकारी आखिरकार 400 करोड़ के दस्तावेजों तक पहुंच गए। इसके साथ ही आयकर विभाग के अधिकारियों ने बताया कि दोनों ग्रुप पर सर्च ऑपरेशन पूरा हो चुका है। अब दस्तावेज़ हाथ लगे है, इसकी जांच कर बाद में टैक्स वसूली की जायेगी।
आईटी विभाग की ओर से पिछले पांच दिनों से शहर में दो जगहों पर सर्च ऑपरेशन चलाया गया था। डीआई सुरेश बतुनी के आदेश के बाद अपर आयुक्त विभोर बदोनी की देखरेख में सहायक आयुक्त देवेन केसवाला समेत पूरी टीम का ऑपरेशन सफल रहा जब डोक्युमेन्ट हाथ लगे।।
जिन दस्तावेजों का आदान-प्रदान किया जा रहा है उनमें नकद लेनदेन, नकद ऋण, निर्माण व्यय में उपयोग की जाने वाली नकदी और नकद में खरीदी गई जमीन-जायदाद शामिल हैं। इसके अलावा जिन लोगों ने प्रोजेक्ट में संपत्ति ली है। इसमें यह भी विवरण है कि किसने नकद भुगतान किया है।
छापेमारी के दौरान अधिकारियों को जानकारी मिली थी कि एक जूनियर कर्मचारी के घर पर कुछ दस्तावेज रखे हैं। इसलिए एक टीम परवत पाटिया इलाके में पहुंची। हालाँकि, बिल्डर ने दस्तावेज़ को वहाँ से हटा दिया। इसलिए यह दस्तावेज कहां गया इसकी जांच के लिए बिल्डिंग के सीसीटीवी कैमरे चेक किए गए और गाड़ी नंबर के आधार पर इसे लगातार ट्रैक किया गया। हालाँकि, बिल्डरों के पीछे के लोग एक फ्लैट से दूसरे फ्लैट में जाते थे, कुछ घंटों के लिए रुकते थे और फिर जगह बदल लेते थे। पांच फ्लैटों को इस तरह से परिवर्तित किया गया।
दूसरी ओर अधिकारी भी लगातार पीछे थे, उन सभी बिल्डिंग के सीसीटीवी कैमरे चेक किए जा रहे थे, बिल्डिंग के रास्ते के कैमरे भी चेक किए जा रहे थे। ताकि किस फ्लैट में रुके थे इसकी जानकारी मिल सके। कभी बिल्डरों के लोगों ने कारों का इस्तेमाल किया तो कभी दोपहिया वाहनों का। इस तरह से पांच फ्लैट बदले गए और अधिकारियों को ये दस्तावेज हासिल करने में दो दिन लग गए। जानकारी के मुताबिक सुराणा ग्रुप के वहां से कुल 500 करोड़ और राकेश कंसल को 200 करोड़ का बेनामी लेनदेन मिला।