गुजरात में शराब से जुड़े मामलों को लेकर सबसे ज्यादा संख्या में एफआईआर

हर साल शराब पकड़े जाने के लाखों मामले

गुजरात में शराब से जुड़े मामलों को लेकर सबसे ज्यादा संख्या में एफआईआर

सूरत, 11 दिसंबर (हि.स.)। शराबबंदी वाले राज्य गुजरात में शराब से जुड़े मामलों को लेकर हर साल लाखों की संख्या में मुकदमे दर्ज हो रहे हैं। इनमें शराब पीने, शराब रखने और शराब पीकर वाहन चलाने संबंधी मामले ज्यादा हैं। सूरत पुलिस द्वारा आरटीआई कार्यकर्ता संजय इझावा को दी गई जानकारी में इससे जुड़ी चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है।

सूरत शहर के 31 पुलिस स्टेशनों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रोहिबिशन अधिनियम के तहत पिछले 10 वर्षों में सूरत शहर में 2,46,131 एफआईआर दर्ज की गई हैं। सूरत शहर में शराब पीने, शराब रखने और शराब पीकर गाड़ी चलाने के मामलों को लेकर करीब 24,613 मामले सालाना दर्ज किए जा रहे हैं और प्रोहिबीशन अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की गई।

निषेध अधिनियम की धारा 64 में दी गई छूट के बिना घरेलू/विदेशी शराब का सेवन करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ 2013 से 2023 की अवधि में दर्ज एफआईआर की संख्या 1,27,699 है। पिछले 10 साल में देशी/विदेशी शराब रखने के आरोप में कुल 1,10,031 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। वहीं देशी/विदेशी शराब पीकर शहर में वाहन चलाने के अपराध में 8401 वाहन चालकों पर एफआईआर दर्ज की गयी है। इन तीनों मामलों को मिलाकर पिछले 10 साल में 2,46,131 एफआईआर दर्ज की गई हैं।

यह जानकारी केवल सूरत शहर के लिए है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि गुजरात में शराबबंदी कानून के तहत पिछले 10 साल में कितनी बड़ी संख्या में एफआईआर और कार्रवाई हुई है।

गुजरात में होने वाले किसी अन्य मामलों के मुकाबले शराबबंदी से जुड़े मामलों को लेकर सबसे ज्यादा मुकदमे दर्ज किए गए हैं। सामाजिक व आरटीआई कार्यकर्ता संजय इजावा का कहना है कि इन आंकड़ों का मतलब है कि गुजरात में शराब व्यापक रूप से उपलब्ध है और लोग इसे पीते हैं। लाखों की संख्या में ऐसे अपराधों में पुलिस पैसे वसूल कर एफआईआर दर्ज करने से भी बचती है।

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