गोगामेड़ी हत्याकांड प्रकरणः अब तक दोनों शूटरों सहित चार गिरफ्तार

गोगामेड़ी हत्याकांड प्रकरणः अब तक दोनों शूटरों सहित चार गिरफ्तार

जयपुर, 10 दिसंबर (हि.स.)। श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड मामले में दोनों शूटरों सहित चार आरोपी गिरफ्तार हो चुके है। गोगामेड़ी की श्याम नगर थाना इलाके में पांच दिसम्बर को उनके घर में गोली मारकार हत्या कर दी गई थी।

राजस्थान पुलिस ने दिल्ली पुलिस की मदद से इस मामले में शूटर रोहित राठौड़ और नितिन फौजी के साथ उनके सहयोगी उधम सिंह को चंडीगढ़ से शनिवार देर दस्तयाब किया गया है। दस्तयाब किए गए तीनों आरोपितों को पहले दिल्ली में उत्तरी रेंज क्राइम ब्रांच कार्यालय लाया गया और इसके बाद में उन्हें राजस्थान पुलिस को सौंप दिया जाएगा। जहां रविवार को राजस्थान पुलिस दोनों शूटर्स सहित सहयोगी को लेकर जयपुर पहुंची है। जिनके फिलहाल पुलिस इस हत्यकांड मामले में पूछताछ करने में जुटी है। इस मामले में आरोपियों को सहयोग करने वाले एक अन्य आरोपी रामवीर को पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया था।

जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसेफ ने बताया कि गोगामेड़ी की हत्या के बाद से ही जयपुर पुलिस की टीमें लगातार बदमाशों के पीछा कर रही थी। एसआईटी से मिले इनपुट और आरोपियों के रूट मैप का पता चला कि आरोपी डीडवाना से पहले हिसार गए। हरियाणा और पंजाब पुलिस से मिले इनपुट से पता चला कि आरोपी हिसार पहुंच गए। इसके बाद राजस्थान पुलिस के साथ दिल्ली पुलिस भी जुड़ गई। आठ दिसंबर को बदमाशों की लोकेशन पता चली इसके बाद नौ दिसंबर को चंडीगढ़ के एक होटल के बाहर से दोनों शूटर्स और उनके सहयोगी को पुलिस टीम ने हिरासत में लिया और रविवार को जयपुर लेकर आई। फिलहार दोनों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। इस मामले में आगे की जांच भी जारी है, हत्याकांड में अभी कुछ और लोगों की भी गिरफ्तारी हो सकती है।

गोगामेड़ी हत्याकांड में शूटरों की मदद के आरोपी रामवीर को पुलिस ने रविवार को कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने रामवीर को आठ दिन के रिमांड पर पुलिस को सौंपा है। रामवीर से सोडाला थाना में पुलिस अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं।

मोबाइल पर बात करने से लोकेशन मिलती रही

शूटर्स ने हत्या करने के बाद हथियारों को छुपा दिया था, ताकि भागते समय ट्रेन या बस में चेकिंग के समय न पकड़े जा सकें। आरोपी फरारी के दौरान मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे थे। शूटर्स गैंगस्टर रोहित गोदारा के राइट हैंड वीरेंद्र चारण और दानाराम के संपर्क में थे। उन्होंने वीरेंद्र चारण और दानाराम के इशारे पर ही हत्या को अंजाम दिया था। हत्या करने के बाद दोनों शूटर्स वीरेंद्र चारण और दानाराम से लगातार बात कर रहे थे। जिसके बाद पुलिस ने इनकी टेक्निकल सर्विलांस शुरू कर दी। वीरेंद्र चारण पर राजस्थान पुलिस ने एक लाख का इनाम घोषित कर रखा है।

भवानी सिंह उर्फ रोनी ने अपने साथियों के साथ की थी पुलिस पर फायरिंग

बीजू जॉर्ज जोसेफ ने बताया कि भवानी सिंह उर्फ रोनी निवासी पहाड़वास जिला महेन्द्रगढ़, राहुल कोथल निवासी कोथल खुर्द जिला महेन्द्रगढ़ व नितिन फौजी निवासी गांव दोगड़ा जाट जिला महेन्द्रगढ़ आपस में मित्र है। नितिन फौजी दो दिन का छुट्टी पर गांव आया था। भवानी सिंह और अनुपम सोनी निवासी खुढ़ाणा जिला महेन्द्रगढ़ के बीच विवाद चल रहा था। उस विवाद को सुलझाने के लिए तीनों आरोपित अन्य साथियों के साथ गांव खुडाणा पहुंचे, परन्तु अनुपम सोनी पक्ष से झगड़ा होने के कारण पुलिस आ गई। इस पर भवानी सिंह अपने साथियों के साथ वहां से भागते समय पुलिस पार्टी पर फायरिंग कर दी। जिसके संबंध में थाना सदर महेन्द्रगढ़ पर मुकदमा दर्ज हुआ। इस मुकदमें मे गिरफ्तारी से बचने के लिए नितिन फौजी, राहुल कौथल दस नवम्बर को हिसार पहुंच गये। 5-6 दिन बाद में भवानी सिंह भी इनके पास हिसार आ गया। इनके रूकने की व्यवस्था उदम नाई निवासी हिसार ने की।

भवानी सिंह उर्फ रोनी पूर्व से रोहित गोदारा व विरेन्द्र चारण के सम्पर्क था

भवानी सिंह पूर्व से रोहित गोदारा व विरेन्द्र चारण के सम्पर्क में था। भवानी सिंह ने रोहित गोदारा व वीरेंद्र चारण से नितिन फौजी की मोबाइल पर बात करवाई और उसे जयपुर में एक व्यक्ति को मारने के लिए तैयार किया गया। भवानी सिंह ने 28 नवम्बर को नितिन फौजी को टैक्सी से जयपुर भिजवाया। नितिन को रूकने के स्थान, हथियार व वाहन उपलब्ध करवाने वाले व्यक्ति को दो दिन पूर्व ही चिह्नित कर लिया गया है, इस संबंध में जांच पड़ताल जारी है।

नितिन फौजी के पास दो पिस्टल और 50 राउण्ड थे

पांच दिसम्बर को नितिन अजमेर रोड़ पर रोहित राठौड़ से मिला। इन दोनों को नवीन शेखावत स्कॉर्पियों में बैठाकर यहां से सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के मकान पर ले गया। बैठक में बातचीत के दौरान दोनों शूटर्स ने अंधाधूंध फायरिंग कर सुखदेव सिंह गोगामेड़ी व नवीन सिंह शेखावत की हत्या कर दी तथा तीसरे व्यक्ति अजीत सिंह को घायल कर दिया। नितिन के पास एक जिगाना पिस्टल व एक मैग्जीन थी। जिसमें 20 राउण्ड थे, इसके अलावा दूसरी पिस्टल 30 व उसकी एक मैग्जीन जिसमें 15 राउण्ड थे। शूटर रोहित राठौड़ के पास एक पिस्टल व उसकी एक मैग्जीन जिसमें 13 राउण्ड थे।

वारदात के बाद दोनों शूटर्स बस-रेल के जरिए सहयोगी उधम के पास मनाली पहुंचे

घटना के बाद दोनों की शूटर्स स्कूटी, ऑटो से अजमेर रोड़ पहुंचे। जहां से राजस्थान रोड़वेज की बस से डिडवाना पहुंचे। डिडवाना से एक टैक्सी लेकर सुजानगढ़ पहुंच, सुजानगढ़ से वॉल्वों बस से धारूहेड़ा पहुंचे, धारूहेड़ा से ऑटो लेकर रेवाड़ी पहुंचे, रेवाड़ी से रेल से रवाना होकर हिसार पहुंचे। फिर उदम सिंह निवासी हिसार के साथ टैक्सी लेकर मनाली पहुंचे। वहां दो दिन होटल मे रूके। 9 दिसम्बर को 5 - 6 बजे चडीगढ़ पहुँचे। वहां होटल कमल पैलेस सैक्टर 22 चडीगढ़ में रूके। जहां से पुलिस ने इन्हें पकड़ लिया।

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