वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट के लिए 16 पार्टनर कंट्री और 14 पार्टनर ऑर्गेनाइजेशन की पुष्टि

सेमीकंडक्टर, ग्रीन हाइड्रोजन जैसे उभरते क्षेत्रों पर जोर

गांधीनगर, 6 दिसंबर (हि.स.)। गुजरात 10वें वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट (वीजीजीएस 2024) की तैयारी कर रहा है, जिसका इस बार का थीम “गेटवे टू द फ्यूचर” चुना गया है। वाइब्रेंट गुजरात के लिए अब तक 16 देशों और 14 संगठनों की पार्टनर कंट्री और ऑर्गेनाइजेशन्स के रूप में पुष्टि की गई है।

राज्य सरकार के सूचना विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार पार्टनर कंट्री में जापान, फिनलैंड, मोरक्को, रिपब्लिक ऑफ कोरिया, मोजाम्बिक, एस्टोनिया, यूएई, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, नीदरलैंड, नॉर्वे, नेपाल, थाईलैंड, बांग्लादेश, जर्मनी और मिस्र शामिल हैं। वहीं पार्टनर ऑर्गेनाइजेशंस (साझेदार संगठनों) में अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स इन इंडिया (एएमचैम इंडिया), कनाडा-इंडिया फाउंडेशन, इपिक इंडिया-यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो, इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईएसीसी), इंडो-कैनेडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईसीसीसी), इंडो-अफ्रीकन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, इंटरनेशनल सोलर अलायंस, जापान एक्सटर्नल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (जेट्रो), नीदरलैंड्स बिजनेस सपोर्ट ऑफिस (एनबीएसओ), भारत में ईयू चैंबर्स ऑफ कॉमर्स की काउंसिल, यूएई इंडिया बिजनेस काउंसिल, यूएस इंडिया बिजनेस काउंसिल (यूएसआईबीसी), यूएस इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम (यूएसआईएसपीएफ) और वियतनाम में इंडियन बिजनेस चैंबर (इनचेम) शामिल हैं।

प्रत्येक पार्टनर कंट्री और ऑर्गेनाइजेशन वीजीजीएस की सफलता में योगदान देकर द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाते हैं। इन देशों और संगठनों ने सहयोग, व्यापार और निवेश के अवसरों को बढ़ाने के लिए विभिन्न प्लेटफार्मों के माध्यम से आगामी वीजीजीएस का प्रचार-प्रसार करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वाइब्रेंट गुजरात के पिछले नौ संस्करणों में पार्टनर कंट्री और ऑर्गेनाइजेशंस ने सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक सहयोग के संदर्भ में भी अपना अहम योगदान दिया है।

वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट 2024 के जरिए, सेमीकंडक्टर, ग्रीन हाइड्रोजन, ई-मोबिलिटी, रिन्यूएबल एनर्जी और फिनटेक जैसे उभरते क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने और इन क्षेत्रों में अधिक से अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए प्रभावी मंच तैयार किया गया है। पार्टनर कंट्री और ऑर्गेनाइजेशंस, वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ये ‘विकसित भारत@2047’ के विजन को साकार करने के लिए सेक्टोरल और कंट्री सेमिनार जैसे आयोजनों में सक्रिय रूप से भाग लेकर अपना योगदान देंगे।