भारतीय नौसेना में रैंकों का नाम बदल कर भारतीय संस्कृति के अनुसार किया जाएगा: प्रधानमंत्री
सरकार सशस्त्र बलों में महिलाओं की संख्या बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है
नई दिल्ली, 04 दिसंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में ‘नौसेना दिवस 2023’ समारोह में घोषणा करते हुए कहा कि भारतीय नौसेना में रैंकों का नाम बदल कर भारतीय संस्कृति के अनुसार किया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार सशस्त्र बलों में महिलाओं की संख्या बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रधानमंत्री ने नौसेना दिवस के अवसर पर भारतीय नौसेना के सदस्यों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज किसी भी देश के लिए समुद्र में ताकत के महत्व को जानते थे। इससे पहले प्रधानमंत्री ने सिंधुदुर्ग के राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण किया। उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज की समृद्ध समुद्री विरासत को भी श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने सिंधुदुर्ग किले सहित कई तटीय और समुद्री किलों का निर्माण कराया था। प्रधानमंत्री मोदी ने नौसेना दिवस के मौके पर भारतीय नौसेना के ऑपरेशनल प्रदर्शन को भी देखा। नौसेना दिवस कार्यक्रम में मोदी ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने राष्ट्र के लिए नौसेना के महत्व को समझा था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया आज भारत को ‘विश्व मित्र’ के रूप में देख रही है। आज स्पेस हो या फिर समुद्र, हर जगह दुनिया को भारत का सामर्थ्य दिख रहा है। विविध क्षेत्रों में भारत की उपलब्धियां दुनिया में स्थिरता ला रही हैं और यह 'विश्व-मित्र' के रूप में उभरा है। उन्होंने देश की बढ़ती वैश्विक प्रोफाइल को बड़ी उपलब्धि के रूप में पेश करते हुए कहा कि आज का भारत अपने लिए बड़े लक्ष्य तय कर रहा है और उसे पाने के लिए अपनी पूरी क्षमता का उपयोग कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा, "अपनी विरासत पर गर्व करते हुए, मुझे यह घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है कि भारतीय नौसेना में रैंकों का नाम भारतीय संस्कृति के अनुसार बदला जाएगा। हम सशस्त्र बलों में अपनी नारी शक्ति की संख्या बढ़ाने पर भी जोर दे रहे हैं। मैं नौसेना जहाज पर देश की पहली महिला कमांडिंग ऑफिसर की नियुक्ति के लिए नौसेना को बधाई देना चाहता हूं।"
मोदी ने कहा, “आज का भारत अपने लिए बड़े लक्ष्य तय कर रहा है और उसे पाने के लिए अपनी पूरी शक्ति लगा रहा है। भारत के पास इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए एक बड़ी ताकत है। ये ताकत 140 करोड़ भारतीयों के विश्वास की है।” उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज से प्रेरणा लेकर भारत अपनी औपनिवेशिक मानसिकता से छुटकारा पा रहा है।