भटकते मवेशी नियंत्रण पॉलिसी : अहमदाबाद में बिना लाइसेंस वाले मवेशियों को पकड़ने की कार्रवाई शुरू, पहले दिन 50 मवेशी पकड़े

एएमसी के सीएनसीडी विभाग के अधिकारी ने बताया कि भटकते मवेशी नियंत्रण पॉलिसी शहर में 1 सितम्बर से लागू हो चुका है

भटकते मवेशी नियंत्रण पॉलिसी : अहमदाबाद में बिना लाइसेंस वाले मवेशियों को पकड़ने की कार्रवाई शुरू, पहले दिन 50 मवेशी पकड़े

अहमदाबाद, 1 दिसंबर (हि.स.)। सड़कों पर भटकते मवेशियों पर नियंत्रण के लिए अहमदबाद में शुक्रवार से लाइसेंस-परमिट के बिना मवेशी रखने पर रोक लग गई है। इसे लेकर अहमदाबाद महानगर पालिका (एएमसी) के सीएनसीडी विभाग ने शहर के कई क्षेत्रों में मवेशी जांच अभियान चलाया। इसमें नरोडा, मेघाणीनगर, ओढव, विराटनगर और आदिनाथ नगर में 50 से अधिक मवेशियों को लाइसेंस बिना होने से पकड़ा गया। एएमसी अब इन मवेशियों को नहीं छोड़ेगी।

एएमसी के सीएनसीडी विभाग के अधिकारी ने बताया कि भटकते मवेशी नियंत्रण पॉलिसी शहर में 1 सितम्बर से लागू हो चुका है। इसमें पशु मालिकों को लाइसेंस या परमिट लेने के लिए 90 दिन का समय दिया गया था, जो अवधि अब पूरी हो चुकी है। 1 दिसंबर को शहर में 22 टीम ने इसके तहत सघन जांच अभियान चलाया। शाम 5 बजे तक टीम सदस्यों ने 50 से अधिक मवेशियों को बगैर लाइसेंस के कारण पकड़ा है। नियमानुसार अब इन मवेशियों को उनके मालिकों को वापस नहीं किया जाएगा।

शहर में अब बगैर लाइसेंस मवेशी नहीं रखे जा सकते हैं। इससे पूर्व पिछले 2 महीने में शहर से 8121 मवेशियों को पकड़ा गया। पशु मालिकों को 922 नोटिस इश्यू किया गया। नवंबर में 2340 मवेशी पकड़े गए। जबकि जनवरी से नवंबर, 2023 के दौरान कुल 13958 मवेशियों को पकड़ा गया। 30 नवंबर को एक ही दिन में 76 मवेशियों को पकड़ा गया। दो महीने में 7742 मवेशियों का रजिस्ट्रेशन किया गया है। इसके अलावा मवेशी रखने के लिए 1070 आवेदन किए गए हैं। इनमें 123 आवेदन मंजूर किया गया है। इसके साथ शहर के 209 पशु मालिकों के विरुद्ध एफआईआर किया गया है। साथ ही 922 लोगों को नोटिस भेजा गया है।

गुजरात हाई कोर्ट में सुनवाई, पशु मालिकों ने समस्याएं गिनाईं

गुजरात हाईकोर्ट में शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई की गई। एडवोकेट जनरल कमल त्रिवेदी के अवकाश पर होने के कारण कोर्ट ने आगे की कार्यवाही करने के बजाए पिछले आदेश के तहत काम का पीरियोडिक रिपोर्ट मांगी। इस पर एएमसी ने बताया कि गुरुवार को ही काम का रिपोर्ट हाई कोर्ट में एफिडेविट पर फाइल कर दिया गया है। पशुपालकों के वकील की ओर से तीन समस्याएं पेश की गई। उन्होंने कहा कि अथॉरिटी जिन पशुओं को पकड़ता है, उसकी बेहतर ढंग से रखने की व्यवस्था हो, जो पशुपालक पशुओं के लिए घास-चार लाते हैं, उन्हें रोका नहीं जाए, कारण कि पुलिस उन्हें पकड़कर सीधे थाने ले जाती है।

बड़ी संख्या में आवेदन लंबित है, इस वजह से ऐसे पशु मालिकों के मवेशी नहीं पकड़े जाए। इस पर एएमसी ने कहा कि पॉलिसी के तहत काम किया जाएगा। इस पर कोर्ट ने हस्तक्षेप से इनकार किया। आगे की सुनवाई के लिए 12 दिसंबर तारीख रखी गई है। जानकारी के अनुसार गुजरात हाईकोर्ट में वकील अमित पंचाल ने हाईकोर्ट के पूर्व के आदेशों का पालन नहीं करने को लेकर कंटेम्पट पिटिशन दाखिल किया है। हाईकोर्ट ने कई बार पहले भी सड़कों पर भटकते पशुओं के लिए सरकार और प्रशासन को निर्देश जारी किए हैं, लेकिन इसकी अवहेलना के मामले बार-बार सामने आए हैं। इसके बाद हाईकोर्ट ने स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी के पास अलग से रिपोर्ट मांगी थी, जिसमें कहा गया था कि जो परिस्थित हो उससे अवगत कराया जाए। यह केस जज आशुतोष शास्त्री और जह हेमंत की बेंच के समक्ष चल रहा है।

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