सिलक्यारा सुरंग हादसा : सेना ने संभाला मोर्चा, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने किया निरीक्षण
41 जिंदगियों को बचाने की जंग जारी, 31 मीटर तक वर्टिकल ड्रिलिंग पूरी
टनल में मैन्युअल खुदाई भी शुरू, भगवान और विज्ञान के संगम से चल रहा रेस्क्यू आपरेशन
उत्तरकाशी, 27 नवम्बर (हि.स.)। उत्तरकाशी के सिलक्यारा निर्माणाधीन सुरंग पिछले 16 दिनों से 41 जिंदगियों को बचाने की जंग जारी है। सोमवार से सेना ने मोर्चा संभाल लिया है। सुरंग में वर्टिकल ड्रिलिंग 31 मीटर पूरी हो चुकी है। टनल में मैन्युअल खुदाई भी शुरू हो गयी है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रधान सचिव डॉ. प्रमोद कुमार मिश्रा ने आज उत्तरकाशी की सिलक्यारा निर्माणाधीन टनल में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए चलाये जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का स्थलीय निरीक्षण किया और सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों से बातचीत की। इस दौरान उनके साथ उत्तराखंड के मुख्य सचिव एसएस संधू भी थे।
प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा सिलक्यारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन का निरीक्षण कर सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों के लिए भेजी जा रही भोजन सामग्री के बारे में भी जानकारी ली। साथ ही सिलक्यारा सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों के परिजनों से भी वार्ता की और उन्हें ढांढस बंधाया।उन्होंने एनएचडीसीएल एवं नोडल अधिकारी नीरज खैरवाल से भी रेस्क्यू आपरेशन की जानकारी ली।
आज सुबह से सिलक्यारा निर्माणाधीन टनल में राहत और बचाव अभियान को सेना के हवाले कर दिया गया। सेना की इंजीनियरिंग कोर की मद्रास सैपर्स की टीम अब राहत और बचाव कार्य का जिम्मा देखेगी। लगातार आ रही बाधाओं के बाद आखिरकार 41 मजदूरों को सकुशल बाहर निकालने की जिम्मेदारी अब सेना को दी गई है। राहत और बचाव कार्य में 41 घंटे तक ब्रेक लगा रहा। अब एक बार फिर से बचाव और राहत कार्य में तेजी आ गई है। अमेरिकी ऑगर ड्रिलिंग मशीन के खराब होने के बाद इस ऑपरेशन को सेना के हवाले किया गया है। अब सुरंग के ऊपर से वर्टिकल ड्रिल शुरू कर मजदूर तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है, इसमें अभी और तीन चार दिन लग सकते हैं।
सिल्क्यारा रेस्क्यू टीम को मिली बड़ी कामयाबी, ऑगर मशीन के टूटे पार्ट निकले-
सिल्क्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन के 16वां दिन पिछले दो दिनों की अपेक्षा शकुन भरा रहा। बड़ी राहत देने वाली बात यह है कि टलन के अंदर जो ऑगर ड्रिलिंग मशीन फंसी थी, उसे प्लाज्मा कटर से टुकड़ों में काट कर बाहर निकलने में सफलता हासिल कर ली है। इसके बाद रेस्क्यू टीम ने शेष एक मुड़े पाइप को कटर की मदद से निकाल कर 13 मीटर की खुदाई के लिए पारंपरिक तरीके से शुरू कर दिया है।
सोमवार सुबह को टनल में मुड़े पाइप को काटने कार्य शुरू किया गया था। दोपहर बाद मैनुअली खुदाई कार्य पुनः शुरू कर दिया है। मैनुअल खुदाई में सेना की इंजीनियरिंग कोर की मद्रास सैपर्स की टीम अब राहत और बचाव कार्य का जिम्मा देखेगी।
दिल्ली के स्पेशलिस्ट की भी मदद ली जा रही है। रेस्क्यू ऑपरेशन में अब पूरी तरीके से तीनों ओर मोर्चा पर कार्य से चल रहा है। वर्टिकल ड्रिलिंग ने भी अब रफ्तार पकड़ ली है। अब तक 31 मीटर की खुदाई कर ली गई है। वर्टिकल ड्रिलिंग कुल 86 मीटर होनी है।
सभी 41 मजदूर पूरी तरह से सुरक्षित : जिला आपदा परिचालन
जिला आपदा परिचालन के मुताबिक सुरंग के अंदर सभी 41 मजदूर पूरी तरह से सुरक्षित हैं और उन्हें निकालने के लिए अब तक 31 मीटर की ड्रिलिंग भी की जा चुकी है। मजदूरों तक पहुंचने के लिए 86 मीटर की ड्रिलिंग होनी है। इसके अलावा चार अन्य योजनाओं पर भी काम किया जा रहा है। सुरंग के अंदर मजदूरों को भोजन और दवाइयां पहुंचाई जा रही हैं और एक अतिरिक्त फोन लाइन भी उनके लिए लगाई गई है ताकि वह अपने परिजनों से बातचीत कर सकें, सभी एजेंसियां पूरी मजबूती से मजदूरों को बाहर निकालने का काम कर रही हैं।
भगवान और विज्ञान के संगम से रेस्क्यू ऑपरेशन होगा सफल
बाबा बौखनाग की भूमि पर निर्माणाधीन सिलक्यारा टनल में पूजा पाठ का का दौर जारी है। सोमवार को सुरंग के ऊपरी छोर पर पंडितों ने हवन कर पूजा अर्चना की। यानी भगवान और विज्ञान के संगम से रेस्क्यू ऑपरेशन को सफल बनाने की कवायद तेज कर दी गई है।
इससे पूर्व भी बाबा बौखनाग की डोली सुरंग के पास लाई गई थी। कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर गत रविवार को बौखनाग के थान भाटिया गांव में जा चुके हैं। वहां बाबा बौखनाग ने रेस्क्यू ऑपरेशन को सफ़ल के लिए अपना आशीर्वाद भी दे चुके हैं। सूत्रों का कहना है कि हनोल में भी महासू महाराज के पास मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी श्रमिकों के सकुशल बाहर निकालने की अर्जी लगा चुके हैं।