जूनागढ़ की लीली परिक्रमा में बना रिकॉर्ड : तीन दिनों में 12.25 लाख श्रद्धालु पहुंचे
जंगल-पहाड़ से घिरे 36 किलोमीटर के परिक्रमा पथ पर प्रशासन की व्यवस्था चाक-चौबंद
जूनागढ़, 25 नवंबर (हि.स.)। गिरनार पर्वत की गोद में होने वाली लीली परिक्रमा के तीसरे दिन शनिवार तक 12.25 लाख श्रद्धलुओं ने परिक्रमा पूरी कर रिकॉर्ड बनाया। पिछले साल की तुलना में यह संख्या काफी अधिक है। रूट पर अभी 1.50 लाख परिक्रमा कर रहे हैं। प्रकृति और अध्यात्म के संगम के साथ इस यात्रा को पूरी आस्था के साथ लोग पूरी करते हैं।
पहाड़ और जंगल के बीच करीब 36 किलोमीटर की गिरनार पर्वत की लीली परिक्रमा को लेकर प्रशासन ने चाक-चौबंद व्यवस्था की है। जंगली जानवरों के हमले की आशंका को लेकर वन विभाग ने जगह-जगह टीम तैनात किया है। पहली बार इस यात्रा में एक 11 वर्षीय किशोरी पर तेंदुए ने हमला कर मार डाला है। इसके कारण यात्रा को लेकर विशेष सावधानी बरती जा रही है। प्रशासन ने इस बार अनूठी पहल करते हुए प्लास्टिक के विरुद्ध अभियान भी चला रखा है। प्रकृति को प्लास्टिक मुक्त रखने का संदेश दिया जा रहा है। परिक्रम पथ के सभी पड़ावों पर श्रद्धालुओं के ठहरने से लेकर भोजन-पानी और अन्य सभी जरूरी व्यवस्था की गई है। जय गिरनारी के नाद के साथ पूरा गिरनार पर्वत गुंजायमान हो रहा है। कोरोना के कारण पिछले तीन सालों से यह यात्रा महज प्रतीकात्मक मनाई जा रही थी। इस बार पूरे हर्ष-उल्लास और उमंग के साथ यात्रा का आयोजन किया गया है। भजन-भोजन और भक्ति के त्रिवेणी संगम के प्रतीक इस यात्रा को सौराष्ट्र की परंपरागत पवित्र यात्रा माना जाता है।
गिरनार पर्वत को 6 जोन में बांटा
प्रशासन के अनुसार कार्तिक मास की एकादशी से पूर्णिमा तक 5 दिन की इस परिक्रमा में हर साल 8 से 9 लाख श्रद्धालु इस यात्रा में शामिल होते हैं। जिला पुलिस अधीक्षक हर्षद मेहता ने बताया कि इतनी बड़ी संख्या में आने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए गिरनार को 6 जोन में बांटा गया है। इसमें 8 डीवाईएसपी, 18 पीआई, 110 पीएसआई समेत 136 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। इसके अलावा 1726 होमगार्ड, 435 जीआईडी, 660 कर्मचारी समेत 2841 लोग व्यवस्था में जुटे हैं।
200 से अधिक अन्न क्षेत्र कार्यरत
परिक्रमा के दौरान 200 से अधिक अन्न क्षेत्र, 150 सेवा संस्थान, 25 से अधिक चिकित्सा शिविर और इस बार हार्ट अटैक को लेकर विशेष एमडी चिकित्सक तैनात किए गए हैं। एसटी, रेल व्यवस्था तथा यातायात नियमन के लिए भी विशेष सुविधा प्रदान की जा रही है। अतिरिक्त 100 सफाई कर्मचारी तैनात किए गए हैं।फायर फाइटर्स की 5 टीमें तैनात की गई हैं। 4 तैराकों की टीमें चौबीसों घंटे तैनात रहेंगी। उप वन संरक्षक अक्षय जोशी ने बताया कि परिक्रमा के दौरान श्रद्धालुओं को भोजन की कोई असुविधा न हो इसके लिए 71 अन्न क्षेत्रों की अनुमति दी गई है। पेयजल के लिए वन विभाग की ओर से 15 बिंदु तय किए गए हैं। इसके अलावा जलापूर्ति बोर्ड की ओर से पेयजल प्वाइंट स्थापित किए गए हैं। पशु चिकित्सकों और ट्रैकर्स के साथ छह बचाव दल गठित किए गए हैं।