गुजरात : आगामी 4 दिनों की बारिश के अनुमान ने किसानों की बढ़ाई चिंता
मार्केट यार्ड में उपजों को बचाने की जुगत में जुटा प्रशासन
24 से 27 नवंबर तक उत्तर, दक्षिण और सौराष्ट्र में हो सकती है भारी बारिश
अहमदाबाद, 23 नवंबर (हि.स.)। राज्य में आगामी दिनों में धीमी रफ्तार से ठंड का मौसम जोर पकड़ेगा, वहीं आगामी 4 दिनों तक बारिश के अनुमान ने किसानों को चिंता में डाल दिया है। किसानों की तैयार फसल मार्केट यार्ड में पहुंचना शुरू हो गई है तो दूसरी और यार्ड प्रशासन बारिश से इनकी सुरक्षा की व्यवस्था करने को विवश हुआ है। मौसम विशेषज्ञ के अनुसार गुजरात के समुद्र में सिस्टम सक्रिय होने से बिजली की गड़गड़ाहट के साथ 2 से 3 इंच बारिश हो सकती है।
मौसम विशेषज्ञ परेश गोस्वामी के अनुसार हाल में वातावरण में लगातार बदलाव देखा जा रहा है। इसकी वजह से किसानों की चिंता बढ़ी है। फसलों पर मौसम में आए इस बदलाव के कारण व्यापक असर पड़ रहा है। गोस्वामी के अनुसार राज्य के मौसम में 24 नवंबर से बदलाव देखा जाएगा। लगातार 4 दिनों तक बेमौसमी बारिश के कारण राज्य के कई हिस्सों में 2 से 3 इंच तक बारिश हो सकती है। इस दौरान हवा का बहाव भी तेज रहेगा। इसके अलावा उत्तर भारत से एक के बाद एक वेस्टर्न डिस्टर्बेंस गुजर रहा है।
24 से 27 नवंबर तक बेमौसमी बारिश होगी। इसका असर सौराष्ट्र के भावनगर, बोटाद, अमरेली, गिर सोमनाथ, जूनागढ़, राजकोट, मोरबी और सुरेन्द्रनगर जिले में देखने को मिलेगा। इसके अलावा जामनगर, द्वारका, पोरबंदर में सामान्य बारिश होगी। कच्छ में भी बेमौसमी बारिश हो सकती है। मध्य गुजरात के आणंद, नडियाद, खेड़ा, खंभात और वडोदरा जिले में भी सौराष्ट्र के साथ-साथ 2 इंच तक बारिश होगी। दक्षिण गुजरात में 25 से 27 नवंबर तक बेमौसमी बारिश होगी। राजपीपला, गोधरा, दाहोद में सामान्य बारिश होगी। इसके साथ उत्तर गुजरात के बनासकांठा, साबरकांठा, अरवल्ली, मेहसाणा जिले में भी आसमान में बादल छाए रहेंगे। इन क्षेत्रों में सामान्य बारिश की संभावना जताई गई है।
आमतौर पर ठंड में मामूली बारिश होती है, लेकिन इस बार 25 से 27 नवंबर के बीच बेमौसमी बारिश के तहत 2 से 3 इंच तक मूसलाधार होने का अनुमान है। इस दौरान आंधी-तूफान भी देखने को मिल सकता है। मौसम के रुख में अचानक आने वाले इस परिवर्तन से सबसे अधिक मार्केटिंग यार्ड में चिंता फैली है। सौराष्ट्र के यार्ड में जहां कपास, मूंगफली समेत उपज का ढेर लगा है, वहीं किसान भी गाड़ियों में उपज भरकर ला रहे हैं। बारिश में इनके खराब होने की आशंका पर प्रशासन भी सतर्क हो गया है। किसानों को जहां तीन-चार दिन उपज लेकर नहीं आने की सलाह दी गई है, वहीं यार्ड में उपज बचाने के लिए कई तरह से उपाय किए गए हैं।