सूरत :  बिहार विकास परिषद ने ताप्ती नदी तट पर मनाया छठ महापर्व

अनेक उद्योगपति, प्रशासनिक सेवा से जुड़े कई अधिकारीगण एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे और डूबते सूर्य को नमन किया

सूरत :  बिहार विकास परिषद ने ताप्ती नदी तट पर मनाया छठ महापर्व

बिहार विकास परिषद् सूरत द्वारा आयोजित छठ पूजा पिछले तीन दशक से बड़े ही हर्ष उल्हास से मना रही है। परिषद् के पदाधिकारी, कार्यकर्ता, सूरत महानगर पालिका के सहयोग से तापी आरती छठ घाट, इस्कॉन मंदिर के पीछे, जहांगीरपुरा एवम् डभोली छठ घाट, वेड रोड ताप्ती नदी तट पर छठ पूजा धूमधाम से मनाई गई। 

इस्कॉन मंदिर के पीछे तापी तट पर लगभग एक किलोमीटर लम्बे जगह की साफ़ सफाई कर अस्थाई रूप से प्लेटफार्म बनाया गया है। सूरत महानगर पालिका पश्चिम जोन के अधिकारियों ने पूरा सहयोग प्रदान कर, साफ़ सफाई और लकड़ी के प्लेटफार्म बनाने में पूरा सहयोग प्रदान किया। परिषद के पदाधिकारियों व कार्यकर्ता और सूरत महानगर पालिका के सहयोग से उत्पन्न अवरोध को दूर कर दिया गया और छठ व्रत करने वालो ने परिषद को पूरा सहयोग दिया। 

अग्निशामक दल की भी टीम तापी नदी के किनारे नाव से फायर ब्रिगेड के जवान गस्त लगाते देखे गए और इसी क्रम में सूरत पुलिस की टीम भी सुरक्षा के मद्देनजर रखते हुए उच्च अधिकारियों के साथ तापी आरती छठ घाट पर मौजूद रही। इस बार सूरत महानगर पालिका द्वारा लकड़ी का प्लेटफॉर्म बनाने में सहयोग नहीं किया, जिसके कारण कई छठव्रती महिलाओ को कमर तक कीचड में खड़े रहकर सूर्य देव की पूजा करनी पड़ी, और कई महिलाओ को पकड़ कर खींचकर निकालना पड़ा। जिसके कारण सूरत महानगर पालिका के प्रति श्रद्धांलु में असंतोष देखा गया।

रविवार 19 नवंबर, 2023 को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया गया, जिसमें उत्तर भारतीयों के लगभग 75000 व्रत करने वाले (छठ वर्ती) श्रद्धालु, परिवार के सदस्य और मित्रगण महापर्व छठ पूजा में भाग लिया। आयोजन स्थल, इस्कॉन मंदिर के पीछे, जंहागीरपुरा, तापी नदी के तट पर ही छठ वर्ती और उनके साथ रहने वाले  श्रद्धालु के रहने और खान पान की पुरी वयवस्था बिहार विकास परिषद् की तरफ से की गई है।

 
छठ पूजा समिति और बिहार विकास परिषद् के पदाधिकारियों के और परिषद् के कर्मठ कार्यकर्ता के अथक प्रयासों के कारण महापर्व छठ पूजा के पहले दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य देने का कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न होने पर राहत की सांस ली है। रविवार को इस छठ पुजा में सूरत के कई उद्योगपति, प्रशासनिक सेवा से जुड़े कई अधिकारी गण, शहर के अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे और डूबते सूर्य को नमन किया। 

सोमवार 20.11.2022 को छठ पूजा के चौथे दिन यानी सप्तमी के दिन पूरे परिवार के साथ उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के लिए इकठ्ठा होंगे और विधिवत पूजा पाठ करने के बाद प्रसाद का वितरण किया जायगा। उगते सूरज की पूजा' तो संसार का विधान है, पर सिर्फ और सिर्फ हम 'भारतवासी' अस्ताचलगामी सूर्य की भी अराधना करते हैं, और वो भी, उगते सूर्य से पहले। अगर 'उदय' का 'अस्त' भौगोलिक नियम है, तो 'अस्त' का 'उदय' प्राकृतिक और आध्यात्मिक सत्य है और इस प्रकार इस छठ पूजा का समापन किया जाता है। प्रकृति के अंतिम स्वरूप और ऊर्जा के अक्षुण्ण श्रोत, भगवान भास्कर की अराधना के महापर्व 'छठ' की शुभकामनाएँ।

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