गुजरात : भावनगर के सुनील जोलिया ने नेशनल गेम्स में परचम लहराया
3000 मीटर दौड़ में गोल्ड जीता
भावनगर के दुधाला गांव के सुनील जोलिया ने काफी संघर्ष से गुजरने के बाद भी गोवा में आयोजित राष्ट्रीय खेलों में 3000 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीता है। एक समय तो सुनील के पास जूते खरीदने के भी पैसे नहीं थे और उन्होंने नंगे पैर 800 मीटर दौड़ लगाई थी। यह संघर्षशील युवा नेशनल गेम्स में गोल्ड जीतकर सफलता का परचम लहराया।
4 स्वर्ण, 3 रजत और 3 कांस्य पदक। इतने मेडल जीतने वाले युवा का परिवार आज भी दो जून के खाने के लिए मजदूरी कर रहा है। खराब किस्मत के साथ-साथ खाली पेट और फटे जूते के साथ दौड़ने की शुरुआत करने वाले भावनगर के युवा की मेहनत रंग लाई है।
गुजरात के एक साधारण किसान परिवार के इस बेटे का नाम सुनील जोलिया है। जिन्होंने महज 2 साल की उम्र में अपने पिता का साया खो दिया, सातवीं कक्षा के बाद स्कूल छोड़ दिया और जीविकोपार्जन के लिए खेतों में काम करना शुरू कर दिया। लेकिन कड़ी मेहनत से उन्होंने किस्मत की कठिन कठिनाइयों को पार कर गोल्ड मेडल अपने नाम किया। सुनील ने गोवा में आयोजित राष्ट्रीय खेलों में 3000 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीतकर सफलता का झंडा फहराया है।
सुनील ने नंगे पैर 800 मीटर दौड़ लगाई थी
बेहद साधारण परिवार से आने वाले सुनील की मां और बहन आज भी मजदूरी करती हैं। वहीं, सुनील फिलहाल बेंगलुरु में ट्रेनिंग ले रहे हैं। सुनील के गोल्ड मेडल जीतने पर उनके परिवार और गांव में खुशी का माहौल है। बचपन से ही खेलों में रुचि रखने वाले सुनील जोलिया आज जिस मुकाम पर हैं, उसके पीछे उनका बड़ा संघर्ष है। 2015 में स्पोर्ट्स एकेडमी के एडमिशन ट्रायल में सुनील ने नंगे पैर 800 मीटर दौड़ लगाई थी। हालांकि उस समय जूते नहीं थे, फिर भी सुनील पहले स्थान पर आए। फिर उसी दिन सुबह 10 बजे 300 मीटर की दौड़ में उन्होंने पहली रैंक हासिल की। तभी पीटी उषा की नजर भावनगर के इस संघर्षशील युवक पर पड़ी और पहले राउंड में सिलेक्शन हो गया।
अब सुनील एशियाई और ओलंपिक खेलों में भाग लेना चाहते हैं। लेकिन, उसके लिए गुजरात के खिलाड़ी के रुप में जो शक्तिदूत योजना का लाभ मिलना चाहिए वह आवेदन करने के बाद भी सुनिल को नहीं मिला।