सूरत : नगर निगम को केवल 7 महीने में पेड एफएसआई के तहत 700 करोड़ रुपये की आय
पिछले पूरे साल में 625 करोड़ की आय हुई, सड़क समेत अन्य कार्यों में तेजी
सूरत शहर में रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी है। पिछले 7 महीनों में ही नगर निगम को पेड एफएसआई के तहत 710 करोड़ की आय प्राप्त हुई है। अप्रैल से अक्टूबर तक ऑनलाइन-ऑफलाइन प्राप्त कुल 3460 निर्माण परियोजनाओं को विकास की अनुमति प्राप्त हुई। जिसमें 16.50 मीटर से अधिक ऊंचाई वाली 238 परियोजनाएं ऑफलाइन हैं जबकि 3222 ऑनलाइन हैं।
पिछले पूरे साल में कुल आय 625 करोड़ रुपये थी, तो इस साल पेड एफएसआई से प्रति माह 100 करोड़ की आय हो रही है। अप्रैल में नई जंत्री कीमतें लागू होने से पहले विकास अनुमति फाइलों को मंजूरी दिलाने की होड़ मच गई थी, केवल 15 दिनों में 200 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान एफएसआई राजस्व से उत्पन्न हुआ था।
गौरतलब है कि, पिछले 5 वर्षों की भुगतान एफएसआई आय पर नजर डालें तो वर्ष 2019-20 में 349 ऑफलाइन और 749 ऑनलाइन विकास अनुमतियां दी गईं। 2020-21 में 208 ऑफलाइन और 763 ऑनलाइन, 2021-22 में 317 ऑफलाइन और 2544 ऑनलाइन, 2022-23 में 322 ऑफलाइन और 5578 ऑनलाइन।
नगर निगम में 10 तारीख को सभी जोन के लेखा अधिकारियों को पूंजीगत एवं राजस्व व्यय, बिल, रखरखाव व्यय सहित प्रविष्टियां करने के निर्देश दिए गए हैं। खास बात यह है कि बजट को 31 दिसंबर तक स्थायी समिति के सामने पेश किया जाना है।
इसलिए विकास कार्यों की परियोजनाओं के साथ-साथ बजट को आगे बढ़ाने के लिए कमिश्नर दिवाली के बाद कई समीक्षा बैठकें भी करेंगे। सूचना मिलते ही अधिकारियों ने तैयारी शुरू कर दी है। सूत्रों का कहना है कि 20 फरवरी से पहले ड्राफ्ट बजट को मंजूरी देकर सरकार को भेजना होगा। पिछले साल जनवरी के अंत में बजट को मंजूरी मिली थी। इसलिए बजट को लेकर कमिश्नर की ओर से दिवाली के बाद समीक्षा बैठक भी की जाएगी।
भुगतान की गई एफएसआई आय (करोड़ों में) वर्ष 2019-20 में 326 करोड़, वर्ष 2020-21 (कोरोना काल) में 182 करोड़, वर्ष 2021-22 में 513 करोड़, वर्ष 2022-23 में 625 करोड़, वर्ष 2023-24 में (आज तक) 712 करोड़ रुपये नगर निगम की तिजोरी में जमा हो चुंके है।