'माता का मढ' का मास्टर प्लान : आशापुरा धाम में चल रहा खाटला भवानी मंदिर का जीर्णोद्धार
नए रंग रूप में दिखेगा खाटला भवानी मंदिर और चाचरा कुंड
32.71 करोड़ रुपये की लागत से हो रहा विकास कार्य
गांधीनगर (हि.स.)। गुजरात के लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केन्द्र ‘माता का मढ’में स्थित आशापुरा धाम के विकास के कई कार्य गति में है। राज्य सरकार ने समग्र आशापुरा धाम परिसर के नवीनीकरण और पुनर्विकास के लिए 32.71 करोड़ रुपये का मास्टर प्लान बनाया है। इसके तहत आशापुरा मंदिर धर्मस्थल परिसर के खाटला भवानी मंदिर और चाचरा कुंड का अद्यतन नवीनीकरण किया गया है। मुख्य मंदिर समेत मास्टर प्लान का काम अप्रैल 2024 तक पूरा करने की योजना है।
राज्य सरकार के गुजरात पवित्र यात्राधाम विकास बोर्ड (जीपीवाईवीबी) ने पिछले साल अगस्त में कच्छ जिले की लखपत तहसील के माता का मढ गांव में स्थित आशापुरा माता मंदिर परिसर के विाकस के लिए मास्टर प्लान बनाया था। इसके तहत विकास के कई प्रकल्प शुरू किए गए। हाल समग्र आशापुरा धाम में इस मास्टर प्लान के तहत रिडेवलपमेंट और रेनोवेशन का काम तेजी गति में है। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल की नेतृत्व वाली राज्य सरकार समग्र राज्य के धर्मस्थलों का धार्मिक पर्यटक स्थल के रूप में भी विकसित कर रही है। इसी कड़ी में गुजरात के लोगों की आस्था का केन्द्र ‘माता का मढ’ में आशापुरा मंदिर और आसपास के आस्था केन्द्रों का विकास किया जा रहा है।
इस नवरात्र पर मिला नवीनीकृत खाटला भवानी मंदिर और चाचरा कुंड
‘माता का मढ’ के आशापुरा माता मंदिर में तो सालों भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। लेकिन, नवरात्र पर यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचकर माता का दर्शन कर खुद को धन्य करते हैं। बोर्ड के सचिव आर आर रावल ने बताया कि नवरात्र में आशापुरा माता संकुल में आने वाले माता भक्तों के लिए नवीनीकृत किया गया खाटला भवानी मंदिर और चाचरा कुंड में नया नजराना देखने को मिलेगा। मास्टर प्लान के तहत इन दोनों स्थलों पर विकास का काम पूरा कर दिया गया है।
पहाड़ी पर स्थित खाटला भवानी मंदिर तक पहुंचना आसान
आशापुरा माता धर्मस्थल परिसर में खाटला भवानी मंदिर पर्वत की चोटी पर है। यहां पहुंचने के लिए सीढ़ियां (छत समेत) और मोटरेबल रास्ता था। पर्वत की ऊंचाई पर मंदिर के पास अविकसित बड़ा क्षेत्र था, जहां से सम्पूर्ण ‘माता का मढ’ गांव देखा जा सकता है। मास्टर प्लान के तहत खाटला मंदिर भवानी मंदिर जाने के लिए सीढ़ियों का रेनोवेशन, मंदिर में पत्थर की कलेडिंग, पर्वत पर श्रद्धालुओं के लिए परिसर का विकास किया गया है। इसके तहत वॉक-वे, बाल क्रीड़ांगन, गजेबो रिपेयरिंग, वाहनों के जरिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए रैम्प-एप्रोच, प्लांटेशन, पार्किंग-शौचालय, स्टॉल के लिए शोड-चबूतरा, मुख्य प्रवेश द्वार आदि सुविधाएं विकसित की गई है।
जर्जर चाचरा कुंड का जीर्णोद्धार
माता का मढ’ गांव में एक पौराणिक चाचर कुंड है, जिसमें बारहमासी पानी रहता है। कुंड के चारों ओर (परिसर का) बड़ा स्थान है। चाचरा कुंड अत्यंत जीर्ण-शीर्ण अवस्था में था और परिसर में कोई अन्य सुविधा भी नहीं थी। मास्टर प्लान के तहत चाचरा कुंड का अद्यतन प्रकाश व्यवस्था के साथ जीर्णोद्धार किया गया है।
चाचरा कुंड परिसर में वॉकवे, बच्चों के खेल का मैदान, बैठने की व्यवस्था जैसी सुविधाएं बनाई गई हैं। आगंतुक यहां अपना भोजन स्वयं बना और खा सकते हैं; उसके लिए किचन-डाइनिंग सुविधा बनाई गई है। इसके अलावा एम्फीथिएटर प्रकार की बैठने की व्यवस्था, वृक्षारोपण, टॉयलेट ब्लॉक और मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार की मरम्मत का काम पूरा हो चुका है।
आशापुरा माता मंदिर और रूपराई तालाब
जीपीवाईवीबी द्वारा रूपराई झील और माता का मढ़ स्थित आशापुरा माता मंदिर में अब विकास कार्य प्रगति पर हैं। रूपराई तालाब का लगभग 40 प्रतिशत विकास कार्य पूरा हो चुका है। श्रीआशापुरा माताजी मंदिर में प्लान के तहत संपूर्ण डिमोलिशन का काम पूर्ण कर तीर्थ यात्रियों को असुविधा से बचाने के लिए सड़क का पीसीसी कार्य प्रगति पर है और शेष कार्य नवरात्र के बाद शुरू करने की योजना है।