दो अस्पतालों में मरीजों की मौत के मामले की होगी उच्चस्तरीय जांच : शिंदे
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार अस्पतालों में मरीजों को लगने वाली 127 तरह की दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध थीं
मुंबई, 03 अक्टूबर (हि.स.)। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को कहा कि राज्य के दो सरकारी अस्पतालों में हुई मरीजों की मौत के मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाएगी। सरकार इस मामले को लेकर पूरी तरह संवेदनशील है। वहीं, विपक्ष इस मुद्दे पर आक्रामक है। विपक्ष ने स्वास्थ्य मंत्री का इस्तीफा मांगा है।
मुख्यमंत्री शिंदे ने पत्रकार वार्ता में कहा कि आज कैबिनेट की बैठक में इस विषय पर चर्चा की गई। बैठक में इस घटना की उच्चस्तरीय जांच का निर्णय लिया गया है। इस घटना की सूचना मिलते ही उन्होंने तत्काल चिकित्सा शिक्षा मंत्री और स्वास्थ्य विभाग के सचिव से जानकारी ली। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार अस्पतालों में मरीजों को लगने वाली 127 तरह की दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध थीं। अस्पताल में डॉक्टर भी उपलब्ध थे, लेकिन मरीजों की मौत की घटना बेहद गंभीर है, इसलिए मामले की जांच का आदेश दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि संभाजी नगर के घाटी अस्पताल में पिछले 24 घंटे में दो बच्चों समेत 10 लोगों की मौत की खबरों से लोगों में सरकार के प्रति नाराजगी है। हालांकि सोमवार को नांदेड जिले के शंकरराव चव्हाण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में 24 घंटे में 24 मरीजों की मौत हुई थी। इनमें 12 बच्चे भी थे। शंकरराव चव्हाण अस्पताल में मंगलवार को सात मरीजों की मौत की बात सामने आई। बताया जा रहा है कि अस्पताल में दवा की किल्लत है और मरीजों को बाहर से दवाइयां खरीदनी पड़ती हैं। सरकारी अस्पताल में जाने वाले मरीज बेहद गरीब रहते हैं और वे बाहर की दवाइयां खरीद नहीं सकते, इसलिए उनका समुचित इलाज नहीं हो पा रहा है।
इन दोनों घटनाओं के बाद विपक्ष आक्रामक हो उठा है। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार, सांसद सुप्रिया सुले, शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राऊत और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने इस घटना की निंदा की है। सुप्रिया सुले ने कहा कि सरकार को अस्पताल में दवा खरीदने तक पैसे नहीं बचे हैं। जबकि सरकार अन्य कामों में खासकर विज्ञापन पर पैसे पानी की तरह बहा रही है। इसलिए अब इन घटनाओं को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए।