
जूनागढ़ दत्तात्रेय शिखर विवाद : मंदिर में नारेबाजी के बाद सनातनी संतों में आक्रोश
दत्तात्रेय की चरणपादुका फेंकने की कोशिश, जैन संघ पर हंगामा करने का आरोप
जूनागढ़, 02 अक्टूबर (हि.स.)। जूनागढ़ में गिरनार शिखर पर दत्तात्रेय मंदिर में हंगामे के बाद सनातनी संत और जैन संघ आमने-सामने हो गए हैं। कोर्ट मैटर होने के बाद भी जैन संघ के आक्रामक तेवर पर सनातनी संतों ने रोष प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि यह उचित नहीं है, यदि बार-बार इस तरह किया गया तो वे भी इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।
जानकारी के अनुसार, रविवार को दिगंबर जैन संघ के करीब 200-250 लोगों ने गिरनार शिखर पर स्थित दत्तात्रेय मंदिर में जाकर हंगामा किया था। गिरनार हमारा है का नारा लगाते हुए दत्तात्रेय की चरण पादुका पर कुर्सी आदि फेंकने की कोशिश की गई थी। जैन संघ के हंगामे पर भारती आश्रम के महंत भारती हरियानंद बापू का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि हाल का समग्र मामला कोर्ट में है, इसलिए कोर्ट के अनुसार ही यह चलना चाहिए।
दत्तात्रेय शिखर पर बार-बार आशांति फैलाने की कोशिश हो रही है। ऐसा यदि फिर होगा तो वे शांति से नहीं बैठेंगे। इधर, जैन अग्रणी किरीट संघवी ने कहा कि 200 से 250 लोगों का जैन संघ आया था। इन लोगों ने नारेबाजी की थी। हालांकि क्या घटना हुई, इस पर निश्चित तौर पर कुछ भी कहना संभव नहीं होगा। मंदिर में एक पुजारी और एक पुलिसकर्मी होते हैं। वहां क्या हुआ है यह जांच का विषय है। परंतु जो भी घटना हुई है, बहुत ही दुखद है। मामले का समाधान कोर्ट या पुलिस जांच से नहीं आएगा, बल्कि दोनों ही पक्ष के बड़े साधु-संतों को आपस में मिलकर बैठना होगा। दूसरी ओर गिरनार दत्तात्रेय शिखर पर चल रहे विवाद के कारण दोनों ही पक्ष में फिर से तनाव पैदा हो गया है।
गिरनार में दत्तात्रेय शिखर का विवाद लंबे समय से चला आ रहा है। दत्तात्रेय शिखर पर भगवान दत्तात्रेय के चरण चिह्न मौजूद हैं। दूसरी ओर जैन समाज के लोगों का दावा है कि यह चरण के निशान उनके नेमीनाथ भगवान के हैं। दत्तात्रेय शिखर विवाद आजादी के समय से चला आ रहा है। हाईकोर्ट में दोनों पक्ष की ओर से आमने-सामने दावा किया गया है। कोर्ट ने विवादास्पद प्रवृत्ति नहीं करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने जैनों को पूजा करने का अधिकार नहीं दिया है। जबकि सदियों ने हिंदू समाज के लोग दत्तात्रेय शिखर पर पूजा करते आ रहे हैं।