सूरत : गणेश विसर्जन में शामिल होंगे लाखों श्रद्धालु , मिट्टी की मूर्तियों का चलन जारी

कृत्रिम तालाब जैसे बदलाव पर्यावरण के लिए फायदेमंद

सूरत : गणेश विसर्जन में शामिल होंगे लाखों श्रद्धालु , मिट्टी की मूर्तियों का चलन जारी

पुलिस आयुक्त अजय तोमर के नेतृत्व में तीसरा सबसे बड़ा गणेशोत्सव आयोजित किया गया है। जिन्होंने कोरोना काल में भी कानून व्यवस्था बनाए रखी, उनके अनुसार प्रौद्योगिकी में परिवर्तन सार्वजनिक सेवा के लिए एक वरदान है।

हर साल गणेशोत्सव में शामिल होने वाले लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। लोगों का विश्वास भी बढ़ रहा है। समाज, हरित न्यायाधिकरण और अदालतें इन तीनों के साथ-साथ सरकार यानी प्रशासन भी पर्यावरण के मुद्दों को लेकर अधिक गंभीर हो गया है, जिसके कारण आजकल नदियों में मूर्तियां नहीं बहाई जा रही हैं। इस प्रकार, नदियाँ, नहरें और प्राकृतिक झीलें क्षतिग्रस्त नहीं होती हैं जो पर्यावरण के लिए अच्छा है।

विसर्जन के लिए प्रशासन द्वारा हर वर्ष कृत्रिम तालाब बनाये जाते हैं। इन तालाबों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु विसर्जन करते हैं। धीरे-धीरे प्रशासन और लोगों में अच्छा समन्वय देखने को मिल रहा है। इस पूरे उत्सव में विसर्जन के दिन 15 लाख से अधिक लोग विसर्जन यात्रा में शामिल होते हैं। जब लोग इतनी बड़ी संख्या में सडक पर विसर्जन यात्रा के लिए इकट्ठा होते हैं तो कानून व्यवस्था एक चुनौती बन जाती है। पिछले 3 सालों में पुलिस ने इस मामले में उम्मीद से कहीं ज्यादा काम किया है। आज नागरिकों का सहयोग भी बढ़ा है। त्योहार के दौरान पुलिस ने खास तौर पर तकनीक का इस्तेमाल शुरू कर दिया है।

जिसमें पुलिस द्वारा सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन, बॉडी वॉर्न कैमरे, ब्रेथ एनालाइजर, मॉडिफाइड बाइक, रिफ्लेक्टर जैकेट का इस्तेमाल किया गया है। चूंकि यह एक धार्मिक लोक उत्सव है, इसलिए पुलिस इस बात को लेकर काफी सतर्क रहती है कि लोगों को कोई परेशानी न हो। इस बार सूरत पुलिस ने 3000 फ्रेंड्स ऑफ पुलिस की भी मदद ली है। पुलिस का यह मित्र बस्ती में व्यवस्था बनाये रखने में मदद करेगा। पुलिस एवं जनता से चर्चा, समन्वय एवं समझाईश के माध्यम से त्यौहार को सुन्दर ढंग से मनाने की व्यवस्था की गई है।

इस बात पर भी सहमति बनी है कि महोत्सव में लोग डीजे नहीं बजाएंगे। इससे वरिष्ठ नागरिकों को परेशानी होती है। घाटों में बैठक कर विघटन कार्य शांतिपूर्ण माहौल में कराने की व्यवस्था की गयी है। त्वरित विसर्जन की व्यवस्था भी की जाती है। इस बार मेट्रो का काम चल रहा है इसलिए व्यवस्थाएं और रूट भी इस तरह तय किए गए हैं कि ट्रैफिक की समस्या कम हो।

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