कुख्यात गैंगस्टरों की तलाश, एनआईए की उत्तर भारत में छह राज्यों के 53 ठिकानों पर छापेमारी

कुख्यात गैंगस्टरों की तलाश, एनआईए की उत्तर भारत में छह राज्यों के 53 ठिकानों पर छापेमारी

नई दिल्ली, 27 सितंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को खालिस्तानी आतंकवादियों और गैंगस्टरों की तलाश में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सहित छह राज्यों पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेेश और उत्तराखंड के 53 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की है। दिनभर चले छापों के दौरान पिस्तौल, गोला-बारूद, बड़ी संख्या में डिजिटल उपकरण और आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई।

एनआईए की छापेमारी वाले छह राज्यों में पंजाब के 30, राजस्थान के 13 और हरियाणा के चार, यूपी, उत्तराखंड और दिल्ली में एक-एक जगह शामिल है। इन राज्यों में तीन जगहों पर अभी छापेमारी चल रही है। एनआईए ने आतंकवादियों, गैंगस्टर्स, ड्रग तस्करों के गठजोड़ पर कई संदिग्धों को हिरासत में लिया है। पंजाब के मोगा जिले से गैंगस्टर अर्श डाला के एक गुर्गे को हिरासत में लिया गया है। एनआईए ने उत्तराखंड के देहरादून जिले के उधम सिंह नगर के बाजपुर थाना क्षेत्र में एक गन हाउस पर छापेमारी की।

एनआईए की आज हुई छापेमारी का फोकस विभिन्न कट्टर गिरोहों और उनके गुर्गों से जुड़े हथियार आपूर्तिकर्ताओं, फाइनेंसरों और रसद प्रदाताओं पर था। ये गिरोह पाकिस्तान, यूएई, कनाडा, पुर्तगाल आदि देशों में स्थित ड्रग तस्करों और आतंकवादियों के साथ काम कर रहे हैं। एनआईए की जांच से पता चला है कि विभिन्न राज्यों की जेलों में साजिशें रची जा रही थीं और विदेश स्थित गुर्गों का एक संगठित नेटवर्क इन्हें अंजाम दे रहा था। ऐसी साजिशों में पिछले साल पंजाब में महाराष्ट्र के बिल्डर संजय बियानी, खनन व्यापारी मेहल सिंह और अंतरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी संदीप नांगल अंबिया की सनसनीखेज हत्या उल्लेखनीय हैं।

एनआईए ने पहले 370 से अधिक स्थानों पर इसी तरह की छापेमारी की थी, जिसमें 1129 राउंड गोला-बारूद के साथ 4 घातक हथियारों सहित 38 हथियार जब्त किए गए थे। एनआईए ने अब तक 87 बैंक खाते फ्रीज कर दिए हैं और 13 संपत्तियां कुर्क की हैं। इसके अलावा 331 डिजिटल डिवाइस, 418 दस्तावेज और दो वाहन जब्त किए हैं। दो भगोड़ों को नामित व्यक्तिगत आतंकवादी और 15 को भगोड़ा अपराधी घोषित किया गया है। 9 अन्य के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किए गए हैं।

एनआईए की जांच के अनुसार कई अपराधी और गैंगस्टर पहले भारत में गिरोहों का नेतृत्व कर रहे थे, अब वे हाल के वर्षों में विदेश भाग गए हैं और अब वहां से अपनी आतंक और हिंसा संबंधी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। ये अपराधी भारत भर की जेलों में बंद अपराधियों के साथ मिलकर अनुबंध और बदला लेने के लिए हत्याओं सहित गंभीर अपराधों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने में लगे हुए हैं। ये समूह लक्षित हत्याएं, ड्रग्स और हथियारों की तस्करी, हवाला और जबरन वसूली के माध्यम से नापाक गतिविधियों के लिए धन जुटा रहे हैं।

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