सूरत : गणेश मंडपो से 7 दिन में एकत्र हुई 9 हजार किलो पूजा सामग्री, अब बनेगी वर्मी कम्पोस्ट
फूल-पत्तियाँ एकत्रित कर उससे उर्वरक बनाकर उसका उपयोग किया जायेगा
धार्मिक त्योहारों के दौरान अब तक, फुल हार की पुजा सामग्री (पूजापो) को केवल कृत्रिम तालाबों में एकत्र किया जाता था और नदी में छोड़ा जाता था। अब सभी वार्ड कार्यालयों के कर्मचारी मंडपों से फूल-पत्तियाँ-सजावट इकट्ठा करने लगे है।
गणेश उत्सव के दौरान पुजापो को नदी में फेंक दिया जाता था। घाटों पर पूजा सामग्री बिखरी हुई नजर आती थी। वहीं इस साल नगर आयुक्त शालिनी अग्रवाल ने पूजापा को बेदखल करने के लिए नई व्यवस्था बनाई है। सभी जोन को टारगेट कर कम से कम 20 मंडपों से पूजा उठाने का आदेश दिया गया है। इस प्रकार पिछले छह दिनों में कुल 9000 किलोग्राम पुजापो एकत्र किया गया है। यह पूजा-पाठ प्रतिदिन वर्मीकम्पोस्ट प्लांट में भेजा जा रहा है और अब इससे खाद बनाई जाएगी। स्वास्थ्य अधिकारी ने यह भी अपील की है कि पूजापो को कचरा गाड़ी के बजाय नजदीकी वार्ड कार्यालय में दिया जाए।
सेंट्रल-कतारगाम जोन में वर्मी कम्पोस्ट प्लांट चल रहा है
मंदिरों से फूल और पत्तियों सहित पूजापा के उचित निपटान के लिए, नगर पालिका ने सेन्ट्रल जोन के चौक स्थित पुराने एवियरी में और कतारगाम में एक वर्मी कंपोस्ट संयंत्र स्थापित किया है, जहां पूजापो को गणेश मंडपो से लाया जाता है जिसे संयंत्र में एकत्र किया जाता है और उससे खाद बनाई जाती है। 80 दिनों में पूजा सामग्री वर्मीकम्पोस्ट में बदल जाती है। इस उर्वरक का उपयोग नगर निगम के सभी उद्यानों, डिवाइडरों पर लगे फूलों के पौधों में किया जाता है। इतना ही नहीं, कई एनजीओ भी इन पूजा-पाठों को लेते हैं और खाद बनाते हैं।