भारत को विकसित राष्ट्र बनाना आईएएस अधिकारियों का सामूहिक लक्ष्य : राष्ट्रपति

देश और उसके लोगों की सेवा करना उनकी नियति है

भारत को विकसित राष्ट्र बनाना आईएएस अधिकारियों का सामूहिक लक्ष्य : राष्ट्रपति

नई दिल्ली, 25 सितंबर (हि.स.)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को सिविल सेवकों से कहा कि भारत को एक समावेशी और विकसित राष्ट्र बनाना आपका सामूहिक लक्ष्य है। वर्तमान में विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों में सहायक सचिवों के रूप में तैनात 2021 बैच के 182 आईएएस अधिकारियों के एक समूह ने आज राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केंद्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की।

इस मौके पर राष्ट्रपति ने अधिकारियों से कहा कि आपकी सेवा अधिकार, भूमिका और जिम्मेदारी किसी भी अन्य सेवा से भिन्न है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह एक सेवा नहीं बल्कि एक मिशन है। यह भारत और उसके लोगों को सुशासन के ढांचे के तहत आगे ले जाने का मिशन है। देश और उसके लोगों की सेवा करना उनकी नियति है। भारत को एक समावेशी और विकसित राष्ट्र बनाना आपका सामूहिक लक्ष्य है। राष्ट्रपति ने कहा कि आप साथी युवा नागरिकों को विभिन्न क्षेत्रों में उनकी क्षमता का एहसास कराने में सक्षम बनाकर एक बड़ा योगदान दे सकते हैं। उनके पास 2047 के विकसित भारत के निर्माण में योगदान देने का महान अवसर है। वे अपनी प्रतिबद्धता और रचनात्मकता के माध्यम से हमारे देश को बदलने में प्रभावी परिवर्तन-एजेंट बन सकते हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि एक दयालु सिविल सेवक, जिसका दिल गरीबों और वंचितों के लिए धड़कता है, वह एक सच्चा सिविल सेवक होता है। जो केवल एक करियर नौकरशाह से अलग होता है। समाज के वंचित वर्गों के लोगों का उत्थान करना सिविल सेवकों के लिए विश्वास का विषय होना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से 'फ़ाइल से फ़ील्ड' और 'फ़ील्ड से फ़ाइल' के बीच के संबंध को समझने का प्रयास करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह जन-केंद्रित सतर्कता और संवेदनशीलता उन्हें फाइलों के साथ कहीं अधिक सार्थक तरीके से जुड़ने में सक्षम बनाएगी।

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