हेल्दी ग्लोबल कॉम्पटिशन के लिए क्वॉलिटी व गुणवत्ता के मापदंडों में बदलाव लाएं : मुख्यमंत्री

गांधीनगर में गुजरात कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित गुजरात कॉनेक्स-2023 का उद्घाटन

हेल्दी ग्लोबल कॉम्पटिशन के लिए क्वॉलिटी व गुणवत्ता के मापदंडों में बदलाव लाएं : मुख्यमंत्री

गांधीनगर, 21 सितंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गुरुवार को गांधीनगर में गुजरात कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित गुजरात कॉनेक्स-2023 का प्रारंभ करते हुए हेल्दी ग्लोबल कॉम्पटिशन के लिए क्वालिटी व गुणवत्ता मापदंडों में बदलाव लाने का आह्वान किया। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिए व्यावसायिक हित के साथ-साथ राज्य के हित को भी प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल और जल आपूर्ति मंत्री कुंवरजीभाई बावळिया की उपस्थिति में इस गुजरात कॉनेक्स-2023 का उद्घाटन किया। तीन दिवसीय प्रदर्शनी में उन्नत निर्माण मशीनरी और वाहन, बिल्डिंग सामग्री मशीनें तथा माइनिंग मशीनें प्रदर्शित की गईं हैं। लगभग 500 विभिन्न उत्पादों के साथ 300 से अधिक प्रतिभागी इस प्रदर्शनी में शामिल हुए हैं।

मुख्यमंत्री ने इस प्रदर्शनी का प्रारंभ करने के साथ-साथ गुजरात कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन की कॉफी टेबल बुक का भी विमोचन किया और पांच व्यक्तियों को एक्सीलेंस इन कन्स्ट्रक्शन सेक्टर और लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से भी सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को वर्तमान समय की अनिवार्य आवश्यकता बताते हुए कहा कि इस क्षेत्र को राज्य और केंद्र सरकार के बजट में भी प्राथमिकता दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने भूमिका देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केंद्र सरकार के इस वर्ष के बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए 10 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया है ।

उन्होंने कहा कि गुजरात ने इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास सहित समग्र विकास के लिए बजट में भी लगातार वृद्धि की है। 1995 में राज्य का बजट 12 हजार करोड़ रुपए था, लेकिन इस वर्ष गुजरात का बजट 3 लाख करोड़ रुपए के साथ ऐतिहासिक बजट बन गया है ।स्वास्थ्य और उच्च-तकनीकी शिक्षा मंत्री ऋषिकेश भाई पटेल ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि जब से मानव जाति की उत्पति हुई तब से लेकर आज तक निर्माण प्रवृति भी लगातार विकसित हो रही है। प्राचीन समय में मिस्र के पिरामिड, ताज महल, पहाड़ी पर बने मंदिर, देरासर आदि जैसी कई अनोखी इमारतें मानव जाति के कौशल का परिचय देती है। यह 21वीं सदी ज्ञान-विज्ञान और प्रौद्योगिकी की सदी है, वहीं निर्माण क्षेत्र में उन्नत मशीनरी का उपयोग विकास कार्यों को तेज और गुणवत्तापूर्ण बना रहा है।

मंत्री ऋषिकेष पटेल ने सुझाव देते हुए कहा कि सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग संकाय के विद्यार्थियों को इस प्रदर्शनी का दौरा करने के लिए लाया जाना चाहिए। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस तरह की प्रदर्शनी भावी पीढ़ियों के लिए मजबूत बुनियादी ढांचे (रोबस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर ) के विकास का मार्ग प्रशस्त करेंगी। इस अवसर पर मार्ग-मकान सचिव ए.के पटेल, वरिष्ठ अभियंता एवं एसोसिएशन के सदस्य उपस्थित रहे। जीसीए के अध्यक्ष अरविंद पटेल ने प्रारंभ में इस संपूर्ण कार्य योजना का उद्देश्य बताया और राज्य सरकार के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।