गुजरात : मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल का पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण क़दम

गुजरात पवित्र यात्राधाम विकास बोर्ड 8 महत्वपूर्ण यात्राधामों में 12.20 लाख मीटर क्षेत्र में कर रहा है उच्च स्तरीय स्वच्छता कार्य

गुजरात : मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल का पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण क़दम

 मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण क़दम उठाते हुए राज्य में उन पर्वतों पर स्वच्छता अभियान चलाने को मंज़ूरी दी है, जहाँ प्रसिद्ध यात्राधाम हैं और लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुँचते हैं। राज्य सरकार के उपक्रम गुजरात पवित्र यात्राधाम विकास बोर्ड (जीपीवायवीबी) ने मुख्यमंत्री के समक्ष धार्मिक यात्राधामों से युक्त पर्वतों की पवित्रता बनाए रखने के लिए वहाँ स्वच्छता अभियान चलाने का प्रस्ताव किया था, जिसे मुख्यमंत्री ने मंज़ूरी दी है। मुख्यमंत्री की ओर से स्वीकृति मिलते ही जीपीवायवीबी ने अंबाजी में 23 सितंबर से शुरू होने वाले भाद्रपदी पूर्णिमा मेले से पहले गब्बर पर्वत पर ‘पर्वत पवित्रता अभियान’ प्रारंभ कर दिया है। इतना ही नहीं, नवरात्रि के प्रारंभ होने से पहले पावागढ और गिरनार पर्वतों पर भी बड़े पैमाने पर सफ़ाई कार्य शुरू किया जाएगा।

जीबीवायवीबी के सचिव आर. आर. रावल ने कहा कि लम्बे समय से प्रतीत हो रहा था कि अंबाजी, पावागढ स्थित महाकाली मंदिर तथा गिरनार तीर्थ जैसे तीर्थधाम अरवल्ली, पावागढ और गिरनार पर्वतों पर होने के कारण इन पवित्र तीर्थधाम परिसरों की सफाई संभव नहीं हो पाती थी। इस पर यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं द्वारा मंदिर के चौक से कूड़ा-कचरा सीधे पर्वतीय घाटी में फेंक दिया जाता है। पर्वतों पर इस प्रकार गंदगी होने के कारण पर्यावरण को भी हानि पहुँचती है और और पर्वतों की पवित्रता के साथ ही सम्बद्ध तीर्थस्थान की शोभा के विरुद्ध छवि उत्पन्न होती है। इसीलिए गुजरात पवित्र यात्राधाम विकास बोर्ड ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के समक्ष इन पर्वतों पर स्वच्छता अभियान चलाने का प्रस्ताव किया है।

मुख्यमंत्री की ओर से इस प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने के साथ ही बोर्ड ने उनके मार्गदर्शन में पहली बार पर्वतीय प्रदेश पर स्थित पवित्र तीर्थधाम परिसरों की स्वच्छता तथा आसपास के पर्वतीय क्षेत्रों में कूड़ा-गंदगी साफ़ करने का व्यापक स्वच्छता अभियान शुरू करने का नूतन प्रयोग प्रारंभ किया है।

श्री रावल ने बताया कि भाद्रपदी पूर्णिमा मेले को ध्यान में रखते हुए गब्बर पर्वत-अंबाजी परिसर में गत 4 अगस्त से गब्बर पर्वत स्वच्छता अभियान प्रारंभ कर दिया गया है; जबकि महाकाली माता मंदिर-पावागढ पर्वत एवं गिरनार तीर्थ-गिरनार पर्वत पर भी आगामी शारदीय नवरात्रि से पहले व्यापक स्वच्छता अभियान शुरू किया जाएगा।

जीपीवायवीबी द्वारा यात्राधामों में उच्च स्तरीय स्वच्छता कार्य

जीपीवायवीबी द्वारा राज्य के आठ महत्वपूर्ण यात्राधामों अंबाजी, शामळाजी, डाकोर, पावागढ, सोमनाथ, द्वारका, पालीताणा तथा जूनागढ-गिरनार तथा उसके आसपास के क्षेत्रों में अप्रैल-2017 से हाई एंड क्लीनलीनेस (उच्च स्तरीय स्वच्छता) अभियान शुरू किया गया था। अभियान के अंतर्गत इन आठ यात्राधामों में मंदिर परिसर ही नहीं, बल्कि मंदिर को जोड़ने वाले मुख्य मार्गों, बाज़ार क्षेत्र, गब्बर पर्वत, वॉक-वे और जहाँ श्रद्धालु,यात्री,पर्यटक बड़ी संख्या में आते हैं, उन क्षेत्रों में उच्च स्तरीय स्वच्छता कार्य किया जाता है।

अत्याधुनिक स्वच्छता संसाधान, 1500 से अधिक मैनपावर

राज्य के इन महत्वपूर्ण यात्राधामों में उच्च स्तरीय स्वच्छता कार्य के लिए अत्याधुनिक स्वच्छता संसाधनों का उपयोग किया जाता है, जिनमें राइड ऑन स्वीपर मशीन, राइड ऑन स्क्रबर मशीन, वॉक बिहाइंड स्क्रबर तथा वॉटर जेट मशीन शामिल हैं। इन यात्राधामों में हर 800 वर्ग मीटर पर 1 डस्टबीन सहित कुल 1526 डस्टबीनों तथा हर 1500 वर्ग मीटर पर 1 सफ़ाई कामगार सहित 1526 कामगारों की व्यवस्था की गई है। सुपरविज़न के लिए थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन एजेंसी का प्रबंध किया गया है। इसी प्रकार हर यात्राधाम में 4 साइन बोर्ड लगाए गए हैं, जिनमें श्रद्धालू/यात्री सफ़ाई को लेकर बोर्ड के कार्यालय के व्हॉट्सएप या ई-मेल आईडी पर शिकायत कर सकते हैं। बोर्ड ने एक स्वच्छता एप्लिकेशन भी बनाई है, जिसमें जाकर कार्यालय से ही आठ यात्राधों के स्वच्छता कार्य के फोटोग्राफ्स देखे जा सकते हैं।

“प्रधानमंत्री के स्वच्छता मिशन को सार्थक करने का प्रयास, श्रद्धालू भी करें सहयोग”

जीपीवायवीबी के सचिव आर. आर. रावल ने कहा कि राज्य सरकार का गुजरात पवित्र यात्राधाम विकास बोर्ड प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘स्वच्छता मिशन’ को ‘जहाँ स्वच्छता, वहाँ प्रभुता’ के मंत्र के माध्यम से सार्थक करने का प्रयास कर रहा है। साथ ही उन्होंने इन यात्राधामों की यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं, यात्रियों और पर्यटकों से भी अपील की है कि वे इन पवित्र यात्राधामों में यहाँ-वहाँ गंदगी न फैला कर तथा स्वच्छता बनाए रख कर सरकार और बोर्ड के स्वच्छता अभियान को सफल बनाने में सहयोग दें। उन्होंने कहा कि पर्वतों की पवित्रता बनी रहेगी, तो पर्यावरण को होने वाली हानि से भी बचा जा सकेगा।