
गुजरात में भारी बारिश : राहत एवं बचाव कार्यों की मंत्री की मौजूदगी में समीक्षा
मुख्यमंत्री की निगरानी में प्रशासन निरंतर अलर्ट मोड पर रहते हुए आपदा प्रबंधन के लिए तैयार
गांधीनगर में हुई उच्च स्तरीय बैठक
गांधीनगर, 18 सितंबर (हि.स.)। राज्य भर में भारी वर्षा के कारण पैदा हुए हालात और प्रशासन द्वारा राहत एवं बचाव कार्यों को लेकर उठाए गए कदमों की सर्वग्राही समीक्षा के संबंध में सोमवार को गांधीनगर में एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई गई। प्रवक्ता एवं स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेशभाई पटेल की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में मुख्य सचिव राज कुमार, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव के.कैलाशनाथन और वरिष्ठ सचिव शामिल हुए।
बैठक में प्रवक्ता मंत्री ऋषिकेशभाई पटेल ने भारी वर्षा से प्रभावित जिलों के कलेक्टरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बात कर उनके जिले में चल रहे कार्यों की जानकारी हासिल की। उन्होंने संबंधित कलेक्टरों से प्रभावित जिलों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और पानी में फंसे लोगों को राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की सहायता से बाहर निकालने सहित अन्य जानकारियां प्राप्त की।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 10-10 टीमें तैनात
बैठक में समीक्षा के दौरान यह बताया गया कि वर्षा प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 10-10 टीमें तैनात की गई हैं। इतना ही नहीं, एनडीआरएफ की अतिरिक्त 5 टीमें और एसडीआरएफ की 13 टीमों को स्टैंडबाई पर रखा गया है। बैठक में बताया गया कि अब तक राज्य के 8 जिलों के 12,644 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के अलावा 7 जिलों के 822 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। प्रभावित जिलों में आश्रय स्थलों में रह रहे लोगों के लिए संबंधित जिला प्रशासन द्वारा की गई फूड पैकेट और मेडिकल टीम आदि की व्यवस्थाओं के संबंध में भी प्रवक्ता मंत्री ने जानकारी हासिल की। उन्होंने इस संबंध में संबंधित जिलों में सामाजिक एवं स्वैच्छिक संस्थाओं का सहयोग लेने को भी कहा।
मौसम के पूर्वानुमान की जानकारी ली
प्रवक्ता मंत्री ने राज्य में भारी वर्षा के कारण प्रभावित हुए हाइवे और पंचायत सड़कों का मरम्मत कार्य फौरन शुरू कर स्थिति को बहाल करने का सुझाव दिया। उन्होंने केंद्रीय मौसम विभाग के निदेशक से राज्य में आगामी दिनों में वर्षा की संभावना और मौसम के पूर्वानुमान की जानकारी भी ली। प्रवक्ता मंत्री ने बैठक में उपस्थित वरिष्ठ सचिवों को प्रभावित क्षेत्रों में बाधित बिजली आपूर्ति, पेयजल और सड़क कनेक्टिविटी को तुरंत बहाल करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री की निगरानी में पूरा प्रशासन निरंतर अलर्ट मोड पर रहते हुए आपदा प्रबंधन के लिए तैयार है।