गुजरात विधानसभा में पब्लिक यूनिवर्सिटी बिल पारित

इस विधेयक के कानून बनते ही राज्य के 11 विश्वविद्यालय एक ही कानून के तहत संचालित होंगे

गुजरात विधानसभा में पब्लिक यूनिवर्सिटी बिल पारित

गांधीनगर/अहमदाबाद, 16 सितंबर (हि.स.)। गुजरात में पब्लिक यूनिवर्सिटी बिल-2023 शनिवार को राज्य विधानसभा ने बहुमत से पारित कर दिया। अब से विश्वविद्यालय के अहम फैसले राज्य सरकार के हाथ में होंगे। इस विधेयक के कानून बनते ही राज्य के 11 विश्वविद्यालय एक ही कानून के तहत संचालित होंगे।

विधानसभा में पब्लिक यूनिवर्सिटी बिल पर 12 से ज्यादा सदस्यों ने चर्चा में भाग लिया। विधानसभा में पब्लिक यूनिवर्सिटी बिल पर करीब 5 घंटे तक बहस चली, हालांकि कांग्रेस ने बिल को लेकर सरकार पर सवाल उठाए। कांग्रेस ने कहा कि राज्य में 11 यूनिवर्सिटी के अलावा 100 प्राइवेट यूनिवर्सिटी हैं। हम चाहते हैं कि इन सभी यूनिवर्सिटी को इस बिल के दायरे में लाया जाए।

विश्वविद्यालय के उप कुलाधिपति का कार्यकाल पांच वर्ष का होगा। एक कार्यकाल पूरा होने के बाद 5 साल के लिए विश्वविद्यालय का चांसलर दोबारा नियुक्त किया जा सकता है। प्रबंधन बोर्ड, कार्यकारी परिषद और अकादमिक परिषद विश्वविद्यालय के प्रशासन और प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इस अधिनियम से 11 विश्वविद्यालयों में प्रवेश, अध्ययन एवं परीक्षा प्रणाली में एकरूपता आएगी।

राज्यपाल राज्य के 10 सार्वजनिक विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति होंगे। शुभांगिनी राजे गायकवाड़ एमएस यूनिवर्सिटी, वडोदरा में चांसलर और प्रबंधन बोर्ड की अध्यक्ष होंगी। शिक्षकों, प्राचार्यों, विश्वविद्यालय प्रोफेसरों, अध्यक्षों की नियुक्ति में 33% महिला सदस्यों का प्रावधान किया गया। विश्वविद्यालयों में सेनेट और सिंडिकेट के स्थान पर प्रबंधन बोर्ड कार्य करेगा। विश्वविद्यालय अपने सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन से नए कार्यक्रम, नए पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए स्वायत्त होगा। विश्वविद्यालय छात्रों को बाहरी के रूप में डिग्री प्रदान कर सकता है। ऑनलाइन कोर्स तैयार कर सकते हैं। दूरस्थ पाठ्यक्रम भी संचालित कर सकते हैं।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अमित चावड़ा ने कहा कि भाजपा राज में शिक्षा का निजीकरण हो गया है। अब शिक्षा का सरकारीकरण हो रहा है। एजुकेशन कॉमन यूनिवर्सिटी बिल से शिक्षा को भारी नुकसान होगा। शक्तियों को समेकित कर विश्वविद्यालय में स्वायत्त निकाय को समाप्त करने की योजना बनाई गई है। यह विधेयक 11 विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक, वित्त स्वायत्त निकायों को समाप्त कर देगा।

भाजपा सदस्य हार्दिक पटेल ने कहा कि इस बिल से सबसे बड़ा फायदा गांव के लोगों को, यूनिवर्सिटी को है। इससे विदेश में पढ़ाई करने जाने वाले छात्रों को फायदा होगा।


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