सूरत : अदाणी फाउंडेशन और अदाणी इलेक्ट्रिसिटी द्वारा दहानू में वृक्षारोपण अभियान

अदानी फाउंडेशन और अदानी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई लिमिटेड विभिन्न स्तरों पर वाडी खेती को बढ़ावा देने के लिए काम करते हैं

सूरत : अदाणी फाउंडेशन और अदाणी इलेक्ट्रिसिटी द्वारा दहानू में वृक्षारोपण अभियान

हाल ही में दहानू के कोटबी और गंगानगांव गांवों में फलों के पेड़ लगाए गए  है। इस वर्ष अदाणी फाउंडेशन का लक्ष्य दहानु तालुक में नौ गांवों के 300 किसानों को वाडी खेती के सपने को साकार करने में मदद की जानी है।

यह वृक्षारोपण अभियान चिन्हित गांवों में दो चरणों में चलाया गया। जिसमें कृषि विभाग द्वारा 154 कृषकों द्वारा 4059 पौधों का रोपण किया गया। जबकि अदानी फाउंडेशन ने 108 किसानों द्वारा 11,300 पौधे लगाए। इस पहल के तहत लगभग 27.56 हेक्टेयर भूमि को खेती के अंतर्गत लाया गया है।

किसानों को वनीकरण के लिए दिए गए पौधों में आम, नारियल, काजू जैसे फलदार पेड़ शामिल हैं। सफल वृक्षारोपण अभियान के लिए फाउंडेशन किसानों को तकनीकी सहायता, आवश्यक सामग्री और प्रशिक्षण प्रदान करेगा।

अदाणी फाउंडेशन के प्रवक्ता ने कहा, “यह पहल समुदायों के सतत विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का हिस्सा है। हमारा मानना ​​है कि धान की खेती से दहानू तालुका के किसानों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार करने में मदद मिलेगी।चरी-कोटबी ग्राम पंचायत की सरपंच वसुंधरा कलंगड़ा ने कहा, “हम इस पहल के लिए अदानी फाउंडेशन और अदानी इलेक्ट्रिसिटी के आभारी हैं। इससे किसानों की आजीविका में सुधार करने में मदद मिलेगी।”

इस अवसर पर बोलते हुए, अदानी इलेक्ट्रिसिटी के प्रवक्ता ने कहा, “हमें खुशी है कि हमारी वाडी परियोजना किसानों के लिए आजीविका का एक वैकल्पिक स्रोत बन गई है। वैज्ञानिक खेती को बढ़ावा देने और कृषि आदानों में कटौती से आदिवासी परिवारों की वार्षिक प्रति व्यक्ति आय में औसतन रु.  48,107 की बढ़ोतरी हुई है।  इससे आदिवासी परिवारों के जीवन स्तर में सुधार हुआ है।”

कार्यक्रम में सरपंच के स्वागत भाषण के बाद अदानी फाउंडेशन की टीम ने वाडी परियोजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। किसानों को धान की खेती के लिए प्रोत्साहित किया गया। इस अवसर पर उपस्थित ग्राम विकास अधिकारी एवं कृषि सहायक रेखा डोम्बारे ने किसानों को अधिक से अधिक लाभ दिलाने के लिए कृषि विभाग द्वारा संचालित सरकारी योजनाओं की जानकारी दी। कार्यक्रम को सफल बनाने में ग्रामीणों ने फाउंडेशन टीम का सहयोग किया।