गुजरात: मुख्यमंत्री युवा स्वावलंबन योजना में 4 लाख विद्यार्थियों को 1800 करोड़ से अधिक की सहायता
साढ़े पंद्रह हजार से अधिक छात्राओं का डॉक्टर बनने का सपना साकार, 453 करोड़ की मदद
‘शोध’ योजना के तहत 2676 विद्यार्थियों को उच्चस्तरीय अनुसंधान के लिए आर्थिक सहायता
गांधीनगर, 5 अगस्त (हि.स.)। शिक्षा के क्षेत्र में जा रही योजनाओं के ठोस क्रियान्वयन के कारण आज राज्य के लाखों विद्यार्थी गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा हासिल करने के साथ अपने सपने को साकार कर रहे हैं। उच्च शिक्षा प्राप्त करने को इच्छुक राज्य के मेधावी एवं जरूरतमंद विद्यार्थियों को आवश्यक आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री युवा स्वावलंबन योजना (एमवाईएसवाई), मुख्यमंत्री कन्या केलवणी निधि योजना (एमकेकेएम) और ‘उच्च गुणवत्ता अनुसंधान विकसित करने की योजना’ यानी स्कीम ऑफ डेवलपिंग हाई क्वालिटी रिसर्च (एसओडीएच) जैसी योजनाएं कार्यान्वित की गई हैं। इन योजनाओं के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं।
राज्य में मुख्यमंत्री युवा स्वावलंबन योजना लागू की गई है। इस योजना के अंतर्गत 6 लाख रुपए तक की पारिवारिक वार्षिक आय वाले अभिभावकों की संतानों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। योजना के तहत मेडिकल, डेंटल, इंजीनियरिंग व टेक्नोलॉजी, फार्मेसी, आयुर्वेद, नर्सिंग, पैरा मेडिकल, डिप्लोमा, बीएससी, बीकॉम, बीसीए, बीबीए और बीए जैसे शैक्षणिक पाठ्यक्रमों के लिए विद्यार्थियों को आर्थिक सहायता दी जाती है।
इस योजना के अंतर्गत विद्यार्थियों को ट्यूशन फीस का 50 फीसदी या अधिकतम सीमा, दोनों में जो भी कम हो, की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में 70,000 विद्यार्थियों के लक्ष्य की तुलना में 70,085 विद्यार्थियों को 373 करोड़ की आर्थिक सहायता का भुगतान किया गया है। इस तरह 100.12 फीसदी उपलब्धि के साथ इस वर्ष के लक्ष्य को पूरा कर लिया गया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 72,500 विद्यार्थियों को 375 करोड़ रुपए की सहायता के भुगतान का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें से इस वर्ष के पहले चार महीनों में 22,813 विद्यार्थियों को 144.60 करोड़ रुपए की सहायता का भुगतान कर दिया गया है। मुख्यमंत्री युवा स्वावलंबन योजना शुरू होने के बाद से अब तक कुल 4,21,341 विद्यार्थियों को 1884.88 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया गया है।
हजारों छात्राओं का डॉक्टर बनने का सपना साकार
मेडिकल क्षेत्र में एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाली लड़कियों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कन्या केलवणी निधि योजना लागू की गई है। इस योजना के अंतर्गत 6 लाख रुपए तक की वार्षिक आय वाले परिवार की ऐसी छात्राओं को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, जो राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) के आधार पर एमबीबीएस में प्रवेश हासिल करती हैं। इस योजना के अंतर्गत एमबीबीएस में पढ़ने वाली लड़कियों को मुख्यमंत्री युवा स्वावलंबन योजना के तहत प्राप्त 50 फीसदी ट्यूशन फीस की सहायता के अलावा बाकी बची 50 फीसदी ट्यूशन फीस के लिए 6 लाख रुपए की सीमा में सहायता प्रदान की जाती है।
मुख्यमंत्री कन्या केलवणी निधि योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 में 3750 छात्राओं को 130 करोड़ रुपए की सहायता के लक्ष्य के मुकाबले 3850 छात्राओं को 135 करोड़ रुपए की सहायता का भुगतान किया गया है। इस तरह 102.66 फीसदी उपलब्धि के साथ इस योजना के वर्ष 2022-23 के लक्ष्य को पूरा कर लिया गया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 4000 छात्राओं को 140 करोड़ रुपए की सहायता का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें इस वर्ष के पहले चार महीनों में ही 2393 छात्राओं को 81.49 करोड़ रुपए की सहायता दी जा चुकी है। उल्लेखनीय है कि इस योजना के शुरू होने के बाद से अब तक कुल 15,666 लड़कियों को 453.87 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है।
अनुसंधान के लिए राज्य सरकार की ‘शोध’ योजना
गुजरात में ‘उच्च गुणवत्ता अनुसंधान विकसित करने की योजना’ यानी स्कीम ऑफ डेवलपिंग हाई क्वालिटी रिसर्च (एसएचओडीएच) योजना कार्यान्वित की गई है। इस योजना के अंतर्गत की गुजरात की मान्यता प्राप्त सरकारी, सेक्टोरल या निजी यूनिवर्सिटी में या फिर रिसर्च संस्थानों के पीएचडी पाठ्यक्रम में रेगुलर फुल टाइम रिसर्च करने वाले विद्यार्थियों को आर्थिक सहायता दी जाती है।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में 1921 विद्यार्थियों को अनुसंधान यानी रिसर्च के लिए 22 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता का भुगतान किया गया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 2000 विद्यार्थियों को 40 करोड़ रुपए की सहायता प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें से इस वर्ष के पहले चार महीनों में 1921 विद्यार्थियों को 9.40 करोड़ रुपए की सहायता का भुगतान कर दिया गया है। योजना के शुरू होने से अब तक कुल 2676 विद्यार्थियों को उच्चस्तरीय रिसर्च के लिए 66.78 करोड़ रुपए की सहायता प्रदान की गई है।
राज्य में अधिक से अधिक विद्यार्थियों को उच्च एवं तकनीकी शिक्षा सुलभ कराने और उन्हें उच्च योग्यता के साथ राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए सक्षम बनाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है।